शुक्रदेव कथा का किया वर्णन
श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ भक्ति की महिमा व शुक्रदेव की कथा से किया गया। कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय रामेश्वरम सेवा समिति ने जीवन राम बशेशवर स्कूल में किया। कथा का वाचन महामंडलेश्वर श्रीश्री 1008 स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती ने किया।
रोहतक। श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ भक्ति की महिमा व शुक्रदेव की कथा से किया गया। कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय रामेश्वरम सेवा समिति ने जीवन राम बशेशवर स्कूल में किया। कथा का वाचन महामंडलेश्वर श्रीश्री 1008 स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती ने किया।
स्वामी ने अपनी कथा में बताया कि श्रीमद् भागवत केवल एक ग्रंथ या पोथी नहीं है, बल्कि साक्षात श्रीकृष्ण है। भगवान ने जो भी श्रीमद् भागवत के जरिए कहा वह जीवन दर्शन है। इन विचारों को यदि मनुष्य अपने जीवन में उतार ले तो उसका जीवन सार्थक हो जाता है। परंतु यह पुण्य भी हमें हमारे सत्कर्मो से ही मिलेगा। हमें भीतर के मैं को समाप्त कर ईश्वर से प्रेम करना होगा। उन्होंने बताया कि प्रेम भी वहीं होता है जहां वासना व अधिकार नहीं समर्पण भाव होता है। महाराज ने अपने मधुर भजनों के माध्यम से भक्तों को भाव विभोर कर दिया। राजीव जैन ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का संगीतमय वर्णन सायं 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक किया गया व यह आयोजन 12 जून तक चलेगा। कार्यक्रम में राजेश कुमार, संदीप गुप्ता, गंगाबिशन खड्डी वाले, देशबंधु गुप्ता, अमित महमिया, दयाकिशन, राजीव जैन, श्यामनाथ शर्मा, मीनाक्षी कौशिक, सुशील गुप्ता, सुशील जैन व कुलवंत राय उपस्थित थे। इसी के साथ धार्मिक आयोजन में अजेश गुप्ता, श्याम, मनमोहन बंसल, आरएल सिंगला, पीएल गोयल, प्रेम तायल, रविंद्र मक्कड, भारत भूषण मित्तल, लक्ष्मी नारायण व जगदीश बालंदिया आदि ने भाग लिया। कार्यक्रम में गंगा बिशन ने महाराज को पगड़ी भेंट कर सम्मानित किया।
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