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कपिल की सलाह, सचिन लें संन्यास

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव का मानना है कि सचिन तेंदुलकर को एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दो दशक से अधिक समय बिताने के बाद इस चैंपियन बल्लेबाज का बढि़या समय गुजर चुका है।

By Edited By: Published: Mon, 20 Feb 2012 10:23 PM (IST)Updated: Mon, 20 Feb 2012 10:23 PM (IST)
कपिल की सलाह, सचिन लें संन्यास

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव का मानना है कि सचिन तेंदुलकर को एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दो दशक से अधिक समय बिताने के बाद इस चैंपियन बल्लेबाज का बढि़या समय गुजर चुका है।

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कपिल ने कहा, पिछले तीन महीनों में हमने जो कुछ देखा, उससे लगता है कि उन्हें विश्व कप के बाद संन्यास लेने की घोषणा कर देनी चाहिए थी। यह जानना बहुत जरूरी होता है कि प्रत्येक क्रिकेटर का अपना समय होता है। उन्होंने कहा, उन्होंने 22-23 साल तक भारत की सेवा की और निश्चित तौर पर उनसे महान कोई अन्य खिलाड़ी नहीं है। लेकिन उन्हें विश्व कप के तुरंत बाद एक दिवसीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर देनी चाहिए थी। आस्ट्रेलिया और श्रीलंका के खिलाफ वर्तमान एक दिवसीय सीरीज में तेंदुलकर रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं। वह पिछले लगभग एक साल से 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक का इंतजार कर रहे हैं।

कपिल ने कहा कि जो खिलाड़ी अपने भविष्य पर फैसला नहीं कर सकते उन्हें इस बारे में बताया जाना चाहिए। उन्होंने तेंदुलकर के बारे में कहा, लगता है कि उनका समय आ गया है। प्रत्येक खिलाड़ी का समय होता है। अब उम्र पहले की तरह उनके साथ नहीं है। उन्होंने कहा, शायद सचिन खुद से अधिक क्रिकेट को प्यार करते हैं। अजहर को महसूस होता है कि जैसे वह अब भी खेल रहा हो। सौरव [गांगुली] अब भी खेलना चाहता है। बोर्ड या चयनकर्ता क्या सोचते हैं यह महत्वपूर्ण है। इस पूर्व कप्तान से जब पूछा गया कि क्या 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक की हाइप के कारण तेंदुलकर की फार्म प्रभावित हो रही है, उन्होंने कहा, सचिन अपने पूरे करियर के दौरान बहुत दबाव में खेलते रहे और उन्होंने अपेक्षाओं के बावजूद शतक जमाए। वह पहले भी इस तरह की परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं।

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की आलोचनाओं को सही करार देते हुए कपिल ने कहा कि उनके कुछ फैसले पक्षपातपूर्ण लगते हैं। उन्होंने कहा, यदि आप भारतीय कप्तान हो तो आप पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं अपना सकते। मैं तब हैरान रह गया था जब इंग्लैंड दौरे के लिए आरपी सिंह को टेस्ट टीम में चुना गया। किसी को भी यह जानने का हक है कि आलराउंडर रविंदर जडेजा को आस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिसबेन में गेंदबाजी करने के लिए एक ओवर भी क्यों नहीं दिया गया। कपिल ने कहा, धौनी परिपक्व खिलाड़ी हैं। जब वह किसी खिलाड़ी को आलराउंडर के तौर पर चुनते हैं और उससे गेंदबाजी नहीं करवाते तो मेरी भी व्याकुलता बढ़ती है। यदि कोई इस तरह की गलती करता है तो वह लंबे समय तक नहीं चल सकता। यदि धौनी लगातार ऐसी गलती करते हैं तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

कपिल ने हालांकि सीनियर खिलाडि़यों को धीमे क्षेत्ररक्षक बताने संबंधी धौनी की टिप्पणी का बचाव किया। उन्होंने कहा, टीम में कई सीनियर खिलाड़ी हैं और इसका खंडन नहीं किया जा सकता इससे क्षेत्ररक्षण के स्तर में गिरावट आती है क्योंकि वे अब पहले की तरह युवा खिलाड़ी नहीं है। मैं नहीं समझता कि कोई एक खिलाड़ी भारतीय टीम से बड़ा है। यदि वे अच्छा प्रदर्शन करते तो इस तरह के मसले उठते ही नहीं।

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