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श्रद्धा से मना गुरुग्रंथ साहिब का प्रकाश उत्सव

मानव को धर्म, एकता एवं प्रेम का पथ दिखाने वाले पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब का प्रकाश उत्सव रविवार को श्रद्धा से मनाया गया।

By Edited By: Published: Mon, 03 Sep 2012 01:23 PM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2012 01:23 PM (IST)

इलाहाबाद। मानव को धर्म, एकता एवं प्रेम का पथ दिखाने वाले पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब का प्रकाश उत्सव रविवार को श्रद्धा से मनाया गया। भक्तों ने गुरुद्वारों में जाकर गुरुग्रंथ साहिब के सामने मत्था टेककर मानव कल्याण की कामना की। वहीं खुल्दाबाद गुरुद्वारा में सुबह तीन दिनों से चल रहे अखंड पाठ साहिब का समापन हुआ। इसके बाद भाई मंजीत सिंह हजूरी रागीजत्था श्रीगुरु सिंह सभा ने सबद-कीर्तन से गुरु की महिमा का बखान किया। फिर ज्ञानी गुरदेव सिंह ने भक्तों को कथा सुनाकर गुरुग्रंथ साहिब की महिमा बताई।

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उन्होंने कहा कि आज के दिन 1604 इसवी में गुरुओं एवं भक्तों की पवित्र वाणी को एकत्रित करके गुरु अर्जुनदेव ने पोथी का स्वरूप दिया। फिर उसकी स्वर्ण मंदिर में स्थापना की, तबसे यह पवित्र ग्रंथ मानव को सत्य एवं समर्पण की सीख दे रही है। इसमें लिखी गई बातों का अनुशरण करने से मानव हर बाधा से मुक्ति पाता है। उन्होंने कहा कि गुरुग्रंथ साहिब के दर पर मत्था टेकने से परमात्मा का आशीष मिलता है। इस दौरान लंगर का आयोजन हुआ जिसमें हर जाति धर्म के लोगों ने प्रसाद छका। सरदार जोगिंदर सिंह ने भक्तों को प्रकाश उत्सव की बधाई दी, संचालन सरदार प्रीतम सिंह ने किया।

ग्रंथ का हुआ विमोचन

हरित माधव मंदिर में रविार को दुख क्यों होता है ग्रंथ का विमोचन हुआ। जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य ने ग्रंथ का विमोचन करते हुए उसके महत्व पर प्रकाश डाला।

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