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भगवान को चाहिए शुद्घ प्रेम

निम्बार्क आश्रम में आयोजित भागवत ज्ञान महायज्ञ सप्ताह के तीसरे दिन प्रवचन करते हुए डॉ. गिरजाकांत शुक्ल कहा कि ने भोग और मोक्ष दोनों ही भगवान ने मनुष्य के लिए बनाए हैं।

By Edited By: Published: Sat, 28 Apr 2012 12:47 PM (IST)Updated: Sat, 28 Apr 2012 12:47 PM (IST)
भगवान को चाहिए शुद्घ प्रेम

इलाहाबाद। निम्बार्क आश्रम में आयोजित भागवत ज्ञान महायज्ञ सप्ताह के तीसरे दिन प्रवचन करते हुए डॉ. गिरजाकांत शुक्ल कहा कि ने भोग और मोक्ष दोनों ही भगवान ने मनुष्य के लिए बनाए हैं। भोग के लिए मनुष्य को इंद्रियां दी हैं और मोक्ष के लिए विवेक दिया है। उन्होनें बताया कि परमात्मा को प्रसन्न करने के लिए संपत्ति, शिक्षा व उच्च कुल में जन्म लेना आवश्यक नहीं है। इसके लिए हदय का शुद्ध प्रेम की आवश्यकता है। प्रत्येक कर्म का और उसके फल का आदि और अंत है। अत: आदि अंत वाले कर्म से अनादि अनंत परमात्मा की प्राप्ति नहीं हो सकती।

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