श्रेष्ठ बनना है तो सत्संग में जाएं
मनुष्य के अनुशासित रहने से ही जीवन व्यवस्थित ढंग से चलता है। मनुष्य को श्रेष्ठ बनना है तो उसे सत्संग में जाना चाहिए। सत्संग में जाने से ज्ञानवर्द्धन होता है। ज्ञान होने पर मनुष्य बुराइयों का त्याग करता है। स्वर्ग के द्वार खुलते हैं और सतगुरु के उपदेश पर चलने व उनके द्वारा दिए गए नाम को जपने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
फरीदाबाद। मनुष्य के अनुशासित रहने से ही जीवन व्यवस्थित ढंग से चलता है। मनुष्य को श्रेष्ठ बनना है तो उसे सत्संग में जाना चाहिए। सत्संग में जाने से ज्ञानवर्द्धन होता है। ज्ञान होने पर मनुष्य बुराइयों का त्याग करता है। स्वर्ग के द्वार खुलते हैं और सतगुरु के उपदेश पर चलने व उनके द्वारा दिए गए नाम को जपने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
भगत वासुराम लखानी सामुदायिक केंद्र नंबर दो में शुक्रवार को श्रीमद्भागवत कथा के दौरान जम्मू से आए कथा व्यास सुभाष शास्त्री ने ये प्रवचन व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि रामचरित मानस में वर्णन है कि सत्संग के प्रभाव से बुद्धि, कीर्ति, सद्गति, ऐश्वर्य सभी कुछ प्राप्त होता हैं।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर