गुरु की महिमा का हुआ बखान
खालसा सृजना दिवस [वैसाखी] का समागम श्री गुरु सिंह सभा की ओर से खुल्दाबाद गुरुद्वारा में मनाया जा रहा है।
इलाहाबाद। खालसा सृजना दिवस [वैसाखी] का समागम श्री गुरु सिंह सभा की ओर से खुल्दाबाद गुरुद्वारा में मनाया जा रहा है। बुधवार की सुबह श्री अखंड पाठ साहिब का शुभारम्भ हुआ। दिल्ली से आए भाई मानसिंह मसकीन तथा प्रचारक ज्ञानी बेअंत सिंह ने वैसाखी के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी ने सिख पंथ की जो नींव रखी उसी परंपरा में उस गद्दी पर विराजमान 10वें गुरु श्रीगुरु गोबिंद सिंह ने समाज के हालात को देखते हुए फैसला किया कि समाज की कुरीतियों व देश पर बाहर से आने वाले हमलावरों का मुकाबला करने के लिए एक ऐसी विचारधारा वाले पंथ की सृजना की होनी चाहिए जो आत्मसम्मान के साथ संत सिपाही बनकर देश की रक्षा भी करे। भाई मसकीन ने बताया कि 1699 की वैसाखी वाले दिन आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की सृजना हुई। समाज के अलग-अलग जातियों से पंज प्यारे बने जो अपना सीस गुरु चरणों में अर्पण करने के लिए तैयार हुए। इन्हें अमृत छकाकर खालसा पंथ की सृजना की और कहा खालसा मेरो रूप है खास मैं हऊं करौ। इस दौरान काफी संख्या में भक्त मौजूद थे।
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