गरजे बदरा, बरसी खुशियां
दिन में समय-समय पर हुई रिमझिम और सायंकाल कहीं तेज कहीं हल्की बारिश ने जन्माष्टमी के कार्यक्रमों में बाधा डालने का प्रयास किया। लेकिन कृष्ण के भक्त इंद्र से कहां भयभीत होने वाले थे। उनके उत्साह में कोई कमी नहीं आयी। शहर भर के सभी आयोजन देर रात तक खूबसूरती के साथ होते रहे।
आगरा। दिन में समय-समय पर हुई रिमझिम और सायंकाल कहीं तेज कहीं हल्की बारिश ने जन्माष्टमी के कार्यक्रमों में बाधा डालने का प्रयास किया। लेकिन कृष्ण के भक्त इंद्र से कहां भयभीत होने वाले थे। उनके उत्साह में कोई कमी नहीं आयी। शहर भर के सभी आयोजन देर रात तक खूबसूरती के साथ होते रहे।
नामनेर में दो दिवसीय मेला शुक्रवार को शुरू हो गया। चौराहे पर चार गेट बनाये गए हैं। आधा दर्जन से अधिक झांकियां है, जिनमें गाय चराते कृष्ण, झूला झूलते राधा कृष्ण आदि प्रमुख थीं। सूर्या होटल के समीप झूले लगाये गये हैं। बृजेश पंडित के अनुसार यहां मेला शनिवार को भी लगेगा।
न्यू नव युवक शिवहरे समिति की ओर से सदर भट्टी स्थित प्राचीन दाऊजी मंदिर पर सजावट की गयी। चिडि़यों के जंगल की झांकी आकर्षण का केंद्र रही। जिसमें रंग-बिरंगी देशी-विदेशी चिडि़या थीं। छप्पन भोग, फूल बंगला, काली घटाओं ने दर्शकों का मन मोहा। पूजन कराया पं.महेशचंद शर्मा ने। व्यवस्था संभाली किशन शिवहरे, विजय शिवहरे, सुगम शिवहरे, विनय शिवहरे, अरविंद गुप्ता आदि ने। यह झांकी 11 अगस्त को भी सजी रहेंगी।
पार्शवनाथ पंचवटी, ताजनगरी फेस 2 के राधाकृष्ण मंदिर में फूल बंगला सजाया गया। जॉनी आर्केस्ट्रा के कलाकारों ने कान्हा के भक्ति गीत प्रस्तुत किये। शहजादी मंडी सनातन धर्म मंदिर पर सायंकाल से झांकियों के दर्शन करने वालों की कतार लगी रही। यहां भारत माता की झांकी सराहनीय रही। इसके अलावा पर्यावरण का संदेश भी एक झांकी के जरिए दिया गया।
सरलाबाग के बांकेबिहारी धाम पर हुए कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण भजन गायक मनीष शर्मा रहे। उन्होंने सुनाया-नंद जू के अंगना में बज रही आज बधाई।
ऊं कारेश्वर महादेव मंदिर, नगला हवेली में जन्माष्टमी की झांकी सजायी गयी। आनंद मामा, अंकुर जैन, प्रवेश चौधरी, सुदर्शन, रामपाल, सत्यप्रकाश आदि ने आरती उतारी।
कारवान धर्म जागरण की ओर से लाला रामप्रकाश की बगीची लोहामंडी पर फूल बंगला, बर्फ की झांकी सजायी। भजन संध्या का आयोजन किया गया। अनिल अरोरा संघर्ष, अनुज बंसल, राकेश बंसल, सचिन अग्रवाल आदि ने पूजन किया।
सांवरे-सलोने श्याम की भक्ति में शुक्रवार को पूरा शहर डूबा रहा। पल-पल का इंतजार करते हुए दिन गुजारा और फिर रात आई खुशियों की सौगात के लेकर। आधी रात को कान्हा के जन्म के साथ हर दिल झूम उठा। हर ओर बधाई गूंजती रही। मंगलगान गाए गए।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर शुक्रवार को पूरे दिन तैयारियां होती रहीं। घर-घर में बच्चे हिंडोले सजाने जुटे रहे। मनमोहक झांकियां सजायी गईं। ज्यादातर बच्चों ने कंस की जेल, पहाड़ पर भगवान शंकर, हवाई अड्डे पर खडे़ जहाज आदि सजाये। श्रीकृष्ण के विविध रूप भी इसमें थे। सबसे ऊपर हिंडोला सजाया गया था। घरों में प्रसाद के लिए पकवान, पाग, पंजीरी आदि बनाये जाते रहे। धीरे-धीरे दिन बीतता गया, सांझ होने के बाद रात में अंधेरे की चादर काली होती गयी। मौसम खराब होने के बावजूद रात आठ बजे के बाद मंदिर और आयोजन स्थलों की ओर भीड़ बढ़ती गयी। भक्तजनों ने संकीर्तन शुरू कर दिया। रात 11 बजे के बाद हर चेहरे पर उल्लास छलकने लगा। भजनों की गति तेज हो गयी। जैसे-जैसे रात के बारह बजे की और सूई बढ़ती गयी, वैसे-वैसे कीर्तन मंडली के सुर ऊंचे होते गये। रात के 12 बजते ही श्रीकृष्ण के जयघोष गूंज उठे। बाल कृष्ण की मूर्तियों को दूध, दही, घी, बूरा, शहद और गंगाजल से अभिषेक किया। नई-नई पोशाक पहनायी गयी, मोतियों की माला और मुकुट पहना कर हिंडोले में विराजमान कराया गया गया। उसके बाद आरती उतारी गयी। भक्त जन पुकार उठे नंद के आनंद भयै जै कन्हैयालाल की।
पूरे दिन टुकड़ों में बारिश होती रही। रात आठ बजे करीब शहर के आधे भाग में जबर्दस्त बरसात हुई, जिससे खुले में हो रहे आयोजनों में दिक्कत आई।
झिलमिला उठा लक्ष्मी नारायण मंदिर-
मुंबई वाली बगीची, शीतला रोड स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर पर आकर्षक सजावट की गयी। मंदिर परिसर में बाबा अमरनाथ, हनुमानजी, विष्णुजी आदि की झांकियां भी सजायी गईं। फूल बंगला सजाया गया। आधी रात को कान्हा का जन्म हुआ, आरती करके प्रसाद वितरित किया। मुंबई वाले इस परिवार ने सभी को जन्माष्टमी की बधाई दी है।
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