मंदिर के पुजारी की जा सकती है जान
गरपालिका के वार्ड संख्या-12 के लमटीबहाल, ग्वालापाड़ा इलाके के गायत्री नगर में स्थित हनुमान मंदिर की खुली पड़ी जमीन को अवैध कब्जाधारियों से बचाने एवं यहां पर एक गौशाला की स्थापना के उद्देश्य को लेकर संन्यासी बाबा हरेंद्र नाथ महात्मा 22 मार्च से मौन व्रत धारण करके, फलहारी लेकर 24 घंटे खड़े रहकर अपनी तपस्या में लीन है।
ब्रजराजनगर। नगरपालिका के वार्ड संख्या-12 के लमटीबहाल, ग्वालापाड़ा इलाके के गायत्री नगर में स्थित हनुमान मंदिर की खुली पड़ी जमीन को अवैध कब्जाधारियों से बचाने एवं यहां पर एक गौशाला की स्थापना के उद्देश्य को लेकर संन्यासी बाबा हरेंद्र नाथ महात्मा 22 मार्च से मौन व्रत धारण करके, फलहारी लेकर 24 घंटे खड़े रहकर अपनी तपस्या में लीन है। उनके भक्तों ने मंदिर की जमीन को सुरक्षित करने के लिए नींव खुदाई का कार्य भी आरंभ कर दिया था। अन्य लोगों ने इस पुनीत कार्य का समर्थन करते हुए स्वेच्छा से अपना कब्जा हटा लिया था, लेकिन हरेराम सिंह नामक व्यक्ति ने कहा कि उसने अवैध कब्जा नहीं किया है खरीदी हुई जमीन पर ही उसके द्वारा निर्माण कार्य किया गया है। हरेराम सिंह के विरोध के बाद मामला थाने में पहुंचा। समाधान निकलने से पहले ही हरेराम सिंह ने कोर्ट की शरण ले ली एवं मामला न्यायालय के विचाराधीन है। दूसरी तरफ महात्मा जी का कहना है कि राजस्व विभाग द्वारा हरेराम सिंह की जमीन का माप जोख करके अगर जमीन वास्तव में उसकी है तो उसे दे देनी चाहिए वरना वहां से अवैध कब्जा हटाने का निर्देश देना चाहिए ताकि मंदिर की चारदीवारी बनाने का उनका संकल्प पूरा हो सके। ज्ञात हो कि पिछले 50 दिनों से निरंतर खड़े रहने की वजह से महात्मा जी का पांव फूल गए हैं एवं जगह-जगह से पानी निकल रहा है। महात्मा जी ने बताया कि सनातन धर्म की रक्षा एवं गौ-माता की सेवा के लिए वे अपने प्राण भी न्योछावर कर सकते हैं। स्थानीय विधायक अनूप साय ने कहा कि उन्होंने झारसुगुड़ा जिलाधीश का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है। यदि प्रशासन की सुस्ती से महात्मा जी के जीवन में खलल पड़ता है तो स्थिति भयावह हो सकती है एवं प्रशासन इसके लिए जिम्मेदार रहेगा।
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