श्रद्धा का केंद्र लाल गिरजाघर
चारों ओर फैली हरियाली के बीच खड़ी बुलंद इमारत। लाल ईट व लकड़ी से बनी सैकड़ों वर्ष पुरानी इस इमारत को देखते ही उधर से गुजरने वाले का सिर श्रद्धा से झुक जाता है।
इलाहाबाद। चारों ओर फैली हरियाली के बीच खड़ी बुलंद इमारत। लाल ईट व लकड़ी से बनी सैकड़ों वर्ष पुरानी इस इमारत को देखते ही उधर से गुजरने वाले का सिर श्रद्धा से झुक जाता है। यहां बात हो रही है कानपुर रोड पर स्थित लाल गिरजाघर की। यह शहर का एकमात्र मेथोदिस्ट चर्च है, जो लखनऊ रीजनल कांफ्रेंस के अंतर्गत आता है, इसमें प्रोटेस्टेंट मसीही समुदाय के लोग आराधना करते हैं। दस एकड़ में फैला यह चर्च कला व सुंदरता का नायाब नमूना है। चर्च का निर्माण 1877 में मेथोदिस्ट मिशनरी की ओर से कराया गया। इसे बनने में 20 वर्ष का लंबा समय लगा। रेव्ह डेनिस असबर्न चर्च के पहले पादरी थे। चर्च के वरिष्ठ सदस्य एलिक्स बताते हैं कि चर्च को अंग्रेजी अफसरों की प्रार्थना करने के लिए बनवाया गया था।
युवा कराएंगे प्रार्थना-
चर्च के 32वें पादरी अभय मसी बताते हैं कि क्रिसमस की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसकी शुरुआत रविवार को कैंडल लाइट सर्विस से हुई। उन्होंने बताया कि युवाओं को धर्म के मार्ग से जोड़ने के लिए 23 दिसंबर को यूथ संडे का आयोजन किया गया है। इसमें चर्च के युवा सदस्यों द्वारा प्रार्थना कराई जाएगी, साथ ही धार्मिक वाद-विवाद प्रतियोगिता होगी।
दूसरी ओर प्रभु यीशु के जन्मदिवस से पूर्व उनकी याद में शनिवार को चर्चो में कैंडल लाइट सर्विस के माध्यम से सामूहिक प्रार्थना हुई। हाथों में मोमबत्ती लेकर युवा, बच्चों, बुजुर्गो का जत्था सड़क पर निकला तो लोग उन्हें आश्चर्यचकित हो देखने लगे।
16 दिसंबर को कैंडल लाइट सर्विस होगी।-
20 दिसंबर को क्रिसमस ट्री महोत्सव।
23 दिसंबर यूथ संडे प्रार्थना।
25 दिसंबर क्रिसमस महोत्सव।
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