प्रयाग कुंभ से पहले हो जाएगी अखाड़ों में एका!
प्रयाग कुंभ-2013 की तैयारियों के बीच अखाड़ों में एकता की उम्मीद जगी है। बड़ा अखाड़ा उदासीन दोनों गुटों के बीच एका कराने में जुटा है।
हरिद्वार। प्रयाग कुंभ-2013 की तैयारियों के बीच अखाड़ों में एकता की उम्मीद जगी है। बड़ा अखाड़ा उदासीन दोनों गुटों के बीच एका कराने में जुटा है।
दोनों ओर से सकारात्मक वार्ता भी हो रही है। परिणामस्वरूप दोनों ही गुट प्रयाग कुंभ से पहले विवाद के हल के लिए एक साथ बैठक करने को सहमत भी हो गए हैं। हरिद्वार कुंभ-2010 के संपन्न होने के बाद अखाड़ा परिषद दोफाड़ हो गई थी। निरंजनी, महानिर्वाणी, बड़ा अखाड़ा उदासीन, नया अखाड़ा उदासीन, निर्मल, अटल और आनंद अखाड़ों ने महंत बलवंत सिंह की अध्यक्षता में नई परिषद का गठन कर दिया था। इसको महंत ज्ञान दास की अध्यक्षता वाली परिषद औचित्यहीन बताती रही। महंत ज्ञान दास की अध्यक्षता वाली परिषद में जूना, अग्नि, आह्वान, दिगंबर, निर्मोही और निर्माणी अखाड़े शामिल हैं। दोफाड़ होने के साथ ही दोनों गुटों में वाकयुद्ध शुरू हुआ और एक-दूसरे को अमान्य करार देते रहे। इस बीच दोनों गुटों की बैठक भी होती रहीं लेकिन, एक-दूसरे की बैठकों में भाग नहीं लिया। अब प्रयाग कुंभ-2013 की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। अखाड़ों का साजो-समान प्रयाग पहुंच चुका है और रमता पंचों की जमात भी प्रयाग की ओर कूच कर चुकी है। इस बीच बड़ा अखाड़ा उदासीन अखाड़ों में एकता बनाने के लिए मशक्कत कर रहा है। बड़ा अखाड़ा उदासीन के श्रीमहंत दुर्गादास की महंत ज्ञान दास की अध्यक्षता वाली अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि के साथ लगातार बैठकें हो रही हैं। नई परिषद के अध्यक्ष महंत बलवंत सिंह से भी उनका संवाद जारी है। इससे अखाड़ों में एका की उम्मीद जगी है। नई परिषद के अध्यक्ष महंत बलवंत सिंह का कहना है कि एका जरूरी है और प्रयाग कुंभ से पहले बैठक कर मामला हल करने को तैयार हैं। महंत ज्ञान दास की अध्यक्षता वाली परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि का भी ऐसा ही कहना है। बड़ा अखाड़ा उदासीन के श्रीमहंत दुर्गादास ने बताया कि दोनों गुटों से सकारात्मक वार्ता हो रही है और वह प्रयाग कुंभ से पहले सामूहिक बैठक को राजी हो गए हैं।
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