मन पर नियंत्रण से ही प्रभु प्राप्ति संभव: गुरुशरण
शहर के शांति मंदिर में चल रहा तीन दिवसीय मूíत प्राण प्रतिष्ठा समारोह संतों के प्रवचन, भजन व भंडारे के साथ सम्पन्न हो गया। इस अवसर पर विधिवत तरीके से मूíतयों की प्राण प्रतिष्ठा की गई।
बहादुरगढ़। शहर के शांति मंदिर में चल रहा तीन दिवसीय मूíत प्राण प्रतिष्ठा समारोह संतों के प्रवचन, भजन व भंडारे के साथ सम्पन्न हो गया। इस अवसर पर विधिवत तरीके से मूíतयों की प्राण प्रतिष्ठा की गई।
कार्यक्रम के दौरान हरमिलाप मिशन हरिद्वार से पधारे गुरुशरण महाराज ने कहा कि प्रभु भक्ति में इंसान का मन बाधक है। इस पर नियंत्रण करके ही प्रभु प्राप्ति हो सकती। इसके लिए इंसान को रोजाना अभ्यास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरुमंत्र की सार्थकता उसका जाप करने से है। यह मन को स्थिर करने में भी सहायक है। वहीं पानीपत के प्रेम मंदिर से आए सद्गुरु 1008 प्रकाश देवी महाराज ने कहा कि प्रभु चरणों के अनुराग से ही मन को विकारों से बचाया जा सकता है। आर्य समाज के स्वामी रामानन्द, शिव स्वामी व देवी ज्योत्सना ने मन के नियंत्रण के लिए वेदों के दिखाए मार्ग पर चलने पर जोर दिया। वहीं शाति मंदिर में मूíतयों की प्राण प्रतिष्ठा विधिवत पूजन व हवन से हुई। राम दरबार, शिव परिवार, वैष्णो देवी व भगवान हनुमान की मूíतयों की स्थापना की गई। इससे पहले मूर्तियों की नगर परिक्रमा भी की गई।
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