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महाकुभ: अखाड़ों में बढ़ता ही जा रहा विवाद

संगम तीरे महाकुंभ शुरू होने को अभी काफी समय है, लेकिन सुविधाओं को लेकर अखाड़ों में रार शुरू हो गई है।

By Edited By: Published: Fri, 20 Jul 2012 11:18 AM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2012 11:18 AM (IST)

इलाहाबाद। संगम तीरे महाकुंभ शुरू होने को अभी काफी समय है, लेकिन सुविधाओं को लेकर अखाड़ों में रार शुरू हो गई है। हर अखाड़ा अधिक से अधिक जमीन व सुविधाएं पाने के लिए मेला प्रशासन पर दबाव बनाने लगा है। इसके मद्देनजर अखाड़ा परिषद ने अगस्त माह में अपनी बैठक बुलाई है। बैठक के बाद किसे क्या सुविधाएं मिलनी है इस पर विचार किया जाएगा। साथ ही अखाड़ों की एकता बनाए रखने के लिए मेला प्रशासन को सामूहिक पत्र सौंपा जाएगा। जो अखाड़ा इसे नहीं मानेगा उसे परिषद से बाहर भी किया जा सकता है। जूना अखाड़ा के महंत हरि गिरि द्वारा महाकुंभ में पहले से अधिक जमीन मांगने का अन्य अखाड़ों ने विरोध किया है। निर्मल अखाड़ा के महंत देवेंद्र सिंह का कहना है कि मेला प्रशासन पर अनावश्यक दवाब बनाया जा रहा है। निरंजनी आखड़ा के सचिव व मठ बाघंबरी गद्दी के महंत स्वामी नरेंद्र गिरि बताते हैं कि अगस्त माह के मध्य में अखाड़ा परिषद की बैठक होगी। इसमें किसे कहां क्या सुविधाएं मिलनी चाहिए, इसका सामूहिक फैसला करके मेला प्रशासन को अवगत कराया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि अभी न तो जमीन बंट रही है और न ही कोई सुविधा दी जा रही है। इसके बाद भी विवाद खड़ा करना ठीक नहीं है।

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महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि हम जल्द ही सारे विवाद को आपसी सहमति से सुलझा लेंगे। वहीं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत बलवंत सिंह कहते हैं कि अगर हर अखाड़ा ऐसे मनमानी मांग करेगा तो स्थिति खराब हो सकती है, जिसके रिकॉर्ड में जितनी सुविधाएं हैं वह उसे मिलनी चाहिए। नियम के विरुद्ध जाकर सुविधाएं मांगने से दूसरे अखाड़ों में असंतोष होगा।

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