लाखों भक्त न देख सके अखाड़ों की आभा
शाही स्नान के रास्ते में फेरबदल से लाखों भक्त अखाड़ों की आभा नहीं देख सके। इस वजह से श्रद्धालु मायूस दिखे। अखाड़ों के जाने के मार्ग को पश्चिम से पूरब कर देने से शहर की ओर से आने वाली भीड़ नागाओं की आक्रामक शैली देखने से वंचित रह गई। पुलिस-प्रशासन ने अपने स्तर से यह परिवर्तन कर दिया।
कुंभनगर। शाही स्नान के रास्ते में फेरबदल से लाखों भक्त अखाड़ों की आभा नहीं देख सके। इस वजह से श्रद्धालु मायूस दिखे। अखाड़ों के जाने के मार्ग को पश्चिम से पूरब कर देने से शहर की ओर से आने वाली भीड़ नागाओं की आक्रामक शैली देखने से वंचित रह गई। पुलिस-प्रशासन ने अपने स्तर से यह परिवर्तन कर दिया। इसकी जानकारी मेला प्रशासन के अधिकारियों को भी नहीं थी। अखाड़ों को जिन घाटों पर स्नान करना था, उसे भी एक दिन पहले नहीं दिखाया गया।
अब तक कुंभ पर्व के शाही स्नान में अखाड़ा मार्ग पर दो रास्ते बनाए जाते थे। एक मार्ग से अखाड़ों का शाही स्नान के लिए संगम तट पर प्रस्थान होता था और दूसरे मार्ग से स्नान कर वापसी होती थी। इस आवाजाही का दृश्य अद्भुत होता था। साथ ही दो अखाड़ों के अगल बगल के रास्ते से गुजरने के कारण उनके संतों को अपनी चमक-दमक और शक्ति बल दिखाने का भी मौका मिलता था। इस बार पुलिस प्रशासन ने रास्ते में एक जगह दो अखाड़े के क्रॉस होने का हवाला देते हुए मार्ग में ही परिवर्तन कर दिया। मेला प्रशासन को भी इसकी समुचित जानकारी नहीं दी गई। आज सुबह जब मेला के अधिकारी संगम तट पर अखाड़ों का स्वागत करने पहुंचे, तब उन्हें इसकी जानकारी हुई। जिस मार्ग से अखाड़ों को गुजर कर जाना था, वहां सन्नाटा था। त्रिवेणी मार्ग से होकर पूरब की तरफ से अखाड़ों को घुमा कर संगम तट पर लाया गया। इससे शहर की ओर से आकर संगम क्षेत्र में जमा लाखों की भीड़ अखाड़ों के सजधज कर जाने का नजारा नहीं देख पाई। पूर्व का कुंभ देख चुके तमाम श्रद्धालु भी मार्ग में फेरबदल किए जाने से नाराज दिखे।
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