मां के जयकारों से गुंजा तीनों शक्तिपीठ
माता बज्रेश्वरी देवी मंदिर में सोमवार को श्रावण अष्टमी के चौथे मेले में लगभग 20 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने शीश नवाया। श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ से कांगड़ा मेन बाजार की टै्रफिक व्यवस्था चरमरा गई।
कांगड़ा। माता बज्रेश्वरी देवी मंदिर में सोमवार को श्रावण अष्टमी के चौथे मेले में लगभग 20 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने शीश नवाया। श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ से कांगड़ा मेन बाजार की टै्रफिक व्यवस्था चरमरा गई। देर शाम तक मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रही। मंदिर अधिकारी पवन बडियाल ने बताया कि तीसरे मेले में मंदिर में 164432 रुपये का चढ़ावा चढ़ा। एक ग्राम 550 मिलीग्राम सोना व 120 ग्राम 60 मिलीग्राम चांदी श्रद्धालुओं ने मां के चरणों में चढ़ाई। वहीं, दूसरी ओर जयंती माता मंदिर में मंडी डबवाली द्वारा आयोजित भगवती जागरण में हजारों श्रद्धालुओं ने हाजिरी भरी। मंडी डबवाली के जयंती माता सेवा समिति के प्रधान राजेंद्र जैन व उपप्रधान हरी गर्ग ने बताया कि लगभग छह हजार श्रद्धालु मंडी डबवाली से ही भगवती जागरण के आए थे।
श्री चामुंडा मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए पुख्ता प्रबंध-
श्रावण अष्टमी नवरात्र के तीसरे दिन लगभग 40 हजार श्रद्धालु मां चामुंडा के चरणों में नतमस्तक हुए। मां के दर्शनों के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतारें लगनी शुरू हो गए थी। यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा। चौथे नवरात्र व श्रावण अष्टमी के दूसरे सोमवार को नंदिकेश्वर धाम में शिव भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। मदिर प्रशासन ने लाउड स्पीकर से बाण गंगा में श्रद्धालुओं को न जाने की अपील की। श्री चामुडा मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न प्रकार के व्यंजनो के लंगर भी लगाए गए। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। श्री ज्वालामुखी मंदिर में 40 हजार श्रद्धालुओं ने भी नवाया शीश।
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