तपरत भक्तों की दशा चिंताजनक
अविरल निर्मल गंगा की मांग को लेकर मंडलीय अस्पताल में तपस्यारत बाबा नागनाथ की दशा दिनों दिन बिगड़ती जा रही है।
वाराणसी। अविरल निर्मल गंगा की मांग को लेकर मंडलीय अस्पताल में तपस्यारत बाबा नागनाथ की दशा दिनों दिन बिगड़ती जा रही है। रविवार की रात बाबा की श्वास गति काफी मंद देख प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डीबी सिंह सहित अन्य चिकित्सकों की टीम उपचार में लग गई। तकरीबन 30 मिनट के अथक प्रयास के बाद किसी तरह श्वांस को नियंत्रित किया जा सका। फिलहाल बाबा को आक्सीजन पर रखा गया है। स्वास्थ्य बिगड़ने से पहले बाबा ने कहा कि यदि हमें कुछ होता है तो इसके लिए प्रधानमंत्री सहित गंगा की अविरलता में बाधक बने सारे सरकारी तंत्र जिम्मेदार होंगे। बाबा नागनाथ ने सरकार को फैक्स कर गंगा के प्रति सरकारी उपेक्षा पर गहरी चिंता जताई है। कहा है कि उनकी इच्छा एक बार गंगा को अविरल-निर्मल देखने की है। मंडलीय अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डीबी सिंह ने कहा कि बाबा नागनाथ की दशा ठीक नहीं है। वैसे उपचार के बल पर उनकी नब्ज व रक्त प्रवाह को स्थिर बनाया गया है। ऐसे हालात में उन्हें पौष्टिक आहार लेना जरूरी है। उनके उपचार में लगे चिकित्सकों द्वारा बराबर कोशिश की जा रही है कि वह किसी तरह से थोड़ा आहार लें ताकि उनके जीवन को बचाया जा सके लेकिन उनके हठ के आगे चिकित्सक लाचार हैं। दूसरी तरफ मंडलीय अस्पताल में ही गंगा के लिए तपस्यारत साध्वी पूर्णाबा की भी हालत दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है। रह-रह कर बेहोश होने का क्त्रम जारी है। रविवार को कई बार अचेत हुईं जिसे देखते हुए चिकित्सकों को आक्सीजन लगाना पड़ा। साध्वी शारदांबा की भी कमजोरी बढ़ती जा रही है। चिकित्सकों का कहना है कि बिना किसी पौष्टिक आहार के इन तपस्वियों को अधिक दिनों तक ड्रिप पर नहीं रखा जा सकता। तपरत गंगाप्रेमी, ब्रंाचारी कृष्णप्रियानंद और शंकराचार्य घाट स्थित तप पीठ पर तपस्यारत सन्यासी योगेश्वरानंद की भी दशा बिगड़ती जा रहा है।
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