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संतों की तपस्या को हल्के में न ले सरकार

रक्षत गंगाम् समिति की अध्यक्ष डॉ. कमला पाण्डेय ने कहा कि तपस्वियों की तपस्या को सरकार हल्के में न ले क्योंकि तप की शक्ति से अग्नि उत्पन्न होती है।

By Edited By: Published: Fri, 20 Apr 2012 11:24 AM (IST)Updated: Fri, 20 Apr 2012 11:24 AM (IST)
संतों की तपस्या को हल्के में न ले सरकार

वाराणसी। रक्षत गंगाम् समिति की अध्यक्ष डॉ. कमला पाण्डेय ने कहा कि तपस्वियों की तपस्या को सरकार हल्के में न ले क्योंकि तप की शक्ति से अग्नि उत्पन्न होती है। वह गुरुवार को शंकराचार्य घाट पहुंचीं और अविछिन्न गंगा सेवा अभियानम् की गतिविधियों की जानकारी ली। बताया कि इस बाबत उन्होंने प्रधानमंत्री को भी पत्र भेजा है और गंगा को बाधों से मुक्त करने की मांग की है।

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इसी क्रम में शंकराचार्य घाट स्थित तप पीठ पर पहुंचे ब्रंहृमचारी ज्योतिर्मयानंद ने कहा कि अज्ञानतावश हमारी प्राकृतिक संपदा का जीवन समाप्त किया जा रहा है। गंगा तो जीवनदायिनी है। इसकी हर कीमत पर रक्षा होनी चाहिए लेकिन आज इसके हितों से भी खिलवाड़ हो रहा है। उन्होंने चेताया कि जब-जब जीवन रक्षा की बात आई है क्रांति ने जन्म लिया है। इसके पूर्व सुबह शंकराचार्य न्याय वेदांत महाविद्यालय के छात्रों ने वेदमंत्रों के जरिए ईश्वर से गंगा को बंधनों से मुक्त कराने और स्वामी सानंद से प्रधानमंत्री की शीघ्र वार्ता कराने की मांग की।

तपस्यारत गंगाप्रेमी का स्वास्थ्य स्थिर- मंडलीय अस्पताल में तपस्यारत गंगाप्रेमी भिक्षु का स्वास्थ्य गुरुवार को स्थिर रहा। डॉक्टरों की जांच में उनका रक्तचाप 100-60, पल्स रेट 64, वजन 36 किलो आंका गया। छात्रों ने निकाला जुलूस- संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्रों ने दक्षिणी गेट से जुलूस निकाला। इस दौरान छात्र हाथों में जन-जन ने ठाना है -गंगा मइया को बचाना है आदि नारे लग रहे थे। यह जुलूस जगतगंज, लहुराबीर, चेतगंज, नई सड़क होते दशाश्वमेध घाट तक गया। यहां छात्रों ने श्रमदान से घाटों की सफाई की।

पीएम को लिखा पत्र- राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने मंडलायुक्त के माध्यम से गंगा की अविरलता के लिए प्रधानमंत्री को पत्रक भेजा है। पत्रक में महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश सिंह दीक्षित ने अविरल गंगा-निर्मल गंगा के लिए स्पष्ट नीति घोषित करने की मांग की है।

गंगा अभियान में मुस्लिम भी बढ़-चढ़कर लें हिस्सा-

गंगा को किसी मजहब से जोड़ना गलत है। गंगा की सफाई के लिए शुरू आन्दोलन में मुस्लिम समाज भी बढ़ चढ़कर हिस्ला ले। यह बात मशहूर शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने जागरण से गुरुवार को कही। वह मदनपुरा में मजलिस में शिरकत करने आये थे। उन्होंने कहा कि केंद्र ने गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किया है। इसकी हिफाजत भी राष्ट्रीय स्तर पर की जानी चाहिए। इससे करोड़ों लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं। कहा मुसलमानों के लिए बहुत ही माकूल मौका है कि वे इस मसले पर खुलकर भागीदारी करें। इससे कौमी यकजहती की डोर मजबूत होगी। एक सवाल के जवाब में मौलाना ने कहा कि गंगा की पाकीजगी खत्म हो जाएगी तो न ही गंगा स्नान करने से शुद्धता होगी और न ही गंदे पानी से वजू होगा। गंगा की सफाई के लिए शुरू अभियान में शामिल होने से मुसलमानों में कोई शरई बंदिश नहीं है। मौलाना ने बताया कि 17 अप्रैल को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक में वे भी मौजूद थे। मौलाना कल्बे जव्वाद रात 9 बजे मदनपुरा स्थित मस्जिद असना अशरी में खातूने जन्नत फातमा जेहरा की शहादत के सिलसिले में मजलिस को खिताब किया। उन्होंने महिलाओं के हुकूक पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर मस्जिद पूरी तरह से खचाखच भरी थी।

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