स्वर्ण-रजत हिंडोलों में विराजमान हो गये राजाधिराज
सावन की की शुरूआत के साथ ही शिव मंदिर देर रात्रि तक हर-हर, बम-बम भोले की गूंज से गूंजने लगे हैं। अन्य मंदिरों में भी तरह-तरह के धार्मिक आयोजन होने लगे हैं। इसी कड़ी में द्वारिकाधीश मंदिर में गुरूवार से हिंडोले और घटाएं सजाने की शुरूआत हो गई। ये कार्यक्त्रम 11 अगस्त को नंद महोत्सव के दिन तक होंगे।
मथुरा। सावन की की शुरूआत के साथ ही शिव मंदिर देर रात्रि तक हर-हर, बम-बम भोले की गूंज से गूंजने लगे हैं। अन्य मंदिरों में भी तरह-तरह के धार्मिक आयोजन होने लगे हैं। इसी कड़ी में द्वारिकाधीश मंदिर में गुरूवार से हिंडोले और घटाएं सजाने की शुरूआत हो गई। ये कार्यक्त्रम 11 अगस्त को नंद महोत्सव के दिन तक होंगे।
गुरूवार शाम 5.10 बजे से 5.40 बजे तक राजाधिराज स्वर्ण और रजत हिंडोलों में विराजमान हुये। इस मौके पर उनकी एक झलक पाने के लिये स्थानीय और बाहर से आये सैकड़ों श्रद्धालु आतुर रहे। इसके साथ ही हिंडोले और घटाओं के सजने की शुरूआत हो गई। विधि एवं मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी एड. के अनुसार, 14 जुलाई को फूलों का हिंडोला, 17 जुलाई केसरी घटा, 19 को हरीघटा, 21 जुलाई आसमानी घटा, 22 को फल-फूलों का हिंडोला, 23 को सोसनी घटा, 25 को गुलाबी घटा, 26 को लाल घटा, 28 को श्याम घटा, 30 जुलाई लहरिया घटा और नौ हिंडोले, एक अगस्त सफेद घटा, 4 अगस्त हिंडोला विजय, दस अगस्त श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और 11 अगस्त को नंद महोत्सव का कार्यक्त्रम होगा।
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