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नहाइए संगम, घूमने की जगहें और भी

प्राचीन ग्रंथों में तीर्थो के सिरमौर की उपमा से गौरवांन्वित तीर्थराज प्रयाग के समान कोई दूसरा तीर्थ नहीं है। गंगा, यमुना तथा अदृश्य सरस्वती के किनारे बसा यह नगर आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, वास्तु, शहादत और साहित्यिक योगदान के लिए पूरे विश्‌र्र्व में विख्यात है।

By Edited By: Published: Fri, 25 Jan 2013 04:31 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jan 2013 04:31 PM (IST)
नहाइए संगम, घूमने की जगहें और भी

कुंभनगर। प्राचीन ग्रंथों में तीर्थो के सिरमौर की उपमा से गौरवांन्वित तीर्थराज प्रयाग के समान कोई दूसरा तीर्थ नहीं है। गंगा, यमुना तथा अदृश्य सरस्वती के किनारे बसा यह नगर आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, वास्तु, शहादत और साहित्यिक योगदान के लिए पूरे विश्‌र्र्व में विख्यात है। अनंतकाल से संगमतट पर वार्षिक माघ मेला, छह साल में अर्धकुंभ और 12 साल में अतुलनीय कुंभ मेला लगता है। कुंभ मेला विश्‌र्र्व के सबसे बड़े आयोजन के रूप में उल्लेखित किया जाता है। इससे न सिर्फ प्रयाग बल्कि पूरे देश की महत्ता काफी बढ़ जाती है। यही कारण है कि वैदिक श्लोकों, मंत्रों, भजन-पूजन, घंटियों की ध्वनि से गुंजित और फूलों-अगरबत्तियों से सुगंधित परिवेश के मध्य पवित्र संगम में स्नान करना प्रत्येक व्यक्ति की इच्छा होती है। कुंभ के दौरान देश-विदेश के कोने-कोने से भक्तजन स्वत: स्फूर्तभाव से संगम तट पर बड़ी संख्या में एकत्रित होते हैं। वह यहां कुटियों और तंबुओं में निष्ठा व आस्था के साथ निवास करके कल्पवास करते हैं।

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प्रयाग का महात्म्य सिर्फ यहीं समाप्त नहीं होता। पूरे शहर में कई दर्शनीय स्थल हैं, जिनका धार्मिक, पौराणिक व एतिहासिक महत्व है। शहर से सटे कौशांबी, प्रतापगढ़ जिला में स्थित धार्मिक व एतिहासिक स्थल हमेशा लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते रहे हैं। पर्यटन विभाग ने विलुप्त हो चुके धार्मिक व एतिहासिक स्थलों का जीर्णोद्धार कराने के साथ बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को वहां तक पहुंचाने व ठहराने की व्यवस्था की है।

यहां से लें जानकारी

पर्यटकों की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग ने खास व्यवस्था कर रखी है। सिविल लाइंस स्थित कार्यालय में हर तरह की जानकारी देने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित है, जिसका नंबर 0532-2408873 है। मेला में लगी प्रदर्शनी एवं टेंट कालोनी की जानकारी 9196122102-3 नंबर से प्राप्त की जा सकती है। गाइड के लिए 9415994921 नंबर पर संपर्क किया जा सकता है।

संगम के पास के प्रमुख दर्शनीय स्थल

0किला-अक्षयवट।

0पातालपुरी मंदिर।

0बड़े हनुमान मंदिर।

0शंकर विमान मंडपम्।

0सरस्वती घाट।

0मनकामेश्‌र्र्वर मंदिर।

0मदन मोहन मालवीय पार्क।

दारागंज मुहल्ले के दर्शनीय स्थल

0नागवासुकी मंदिर।

0भीष्म पितामह मंदिर।

0वेणीमाधव मंदिर।

0दशाश्‌र्र्वमेध मंदिर।

0बड़ा गणेश जी का मंदिर।

0संकटमोचन मंदिर।

अलोपीबाग व मधवापुर के दर्शनीय स्थल

0अलोपीदेवी मंदिर।

0रूपगौड़ीय मठ।

0भारत सेवाश्रम संघ।

0काल भैरव मंदिर।

0चित्रगुप्त मंदिर।

बैरहना, रामबाग, कटघर स्थित स्थल

0निम्बार्क आश्रम।

0हनुमान मंदिर।

0नवग्रह मंदिर।

0श्र्वेताम्बर जैन मंदिर।

0वेणीमाधव मंदिर।

0कालीबाड़ी मंदिर।

0रामकृष्ण मिशन।

सिविल लाइंस, खुसरोबाग, कल्याणीदेवी मुहल्ले के स्थल

0हनुमत निकेतन मंदिर।

0आल सेंट्स कैथिड्रल चर्च।

0शिरडी साई बाबा मंदिर।

0खुसरोबाग।

0कल्याणी देवी, ललिता देवी मंदिर।

0गुरुद्वारा पक्की संगत।

0दयाराशाह अजमल।

0इस्कॉन मंदिर।

झूंसी स्थित प्रमुख स्थल

उल्टा किला, गुफाएं, समुद्र कूप, शेखतकी की मजार, गंगोली शिवाला, संकीर्तन भवन, तीर्थकर ऋषभदेव।

अरैल स्थित प्रमुख स्थल

सोमेश्‌र्र्वरनाथ मंदिर, चक्त्रमाधव मंदिर, आदिवेणी माधव मंदिर, नरसिंह मंदिर, महर्षि महेशयोगी आश्रम, श्रीबाला त्रिपुर सुंदरी मंदिर, वल्लभाचार्य की बैठक, फलाहारी बाबा का आश्रम, त्रिवेणी पुष्प।

प्रयाग के आस-पास के दर्शनीय स्थल

पडि़ला महादेव मंदिर फाफामऊ, श्रृंगवेरपुर धाम लालगोपालगंज, श्रीकृष्ण मंदिर मनगढ़ प्रतापगढ़, सीतामढ़ी के अलावा कौशांबी में महात्मा बुद्ध से जुड़े अनेक प्राचीन स्थल, शिलाएं व कड़ाधाम भी है।

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