टी-20 क्वालीफायर में भारतीयों की दो टीम
भारत में मौका नहीं मिलने पर विदेशों में जाकर भाग्य आजमाने वाले क्रिकेटरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। संयुक्त अरब अमीरात में चल रहे आइसीसी ट्वंटी-20 विश्व क्वालीफायर में हम इसका उदाहरण देख सकते हैं। इस टूर्नामेंट में इतने भारतीय खिलाड़ी भाग ले रहे हैं कि उनसे लगभग दो टीमें तैयार की जा सकती हैं।
नई दिल्ली। भारत में मौका नहीं मिलने पर विदेशों में जाकर भाग्य आजमाने वाले क्रिकेटरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। संयुक्त अरब अमीरात में चल रहे आइसीसी ट्वंटी-20 विश्व क्वालीफायर में हम इसका उदाहरण देख सकते हैं। इस टूर्नामेंट में इतने भारतीय खिलाड़ी भाग ले रहे हैं कि उनसे लगभग दो टीमें तैयार की जा सकती हैं।
दुबई, अबुधाबी और शारजाह में चल रहे इस टूर्नामेंट में कई ऐसे खिलाड़ी भाग ले रहे हैं, जिन्होंने क्रिकेट का ककहरा भारत में सीखा, लेकिन बाद में अमेरिका, कनाडा, ओमान, केन्या, हांगकांग आदि देशों में बस गए और अब वहां की राष्ट्रीय टीमों का हिस्सा हैं। आईसीसी ट्वंटी-20 क्वालीफायर में जो 16 टीमें भाग ले रही हैं उनमें से शीर्ष पर रहने वाली दो टीमें सितंबर में श्रीलंका में होने वाले आईसीसी विश्व टी-20 चैंपियनशिप में भाग लेंगी। क्वालीफायर की इन टीमों में 21 ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनका जन्म या तो भारत में हुआ या फिर वे भारतीय मूल के हैं।
कनाडा की टीम में सर्वाधिक छह खिलाड़ी भारतीय मूल के हैं। इनमें से नीतीश कुमार [फोटो] को छोड़कर बाकी पांचों खिलाडि़यों ने भारत में रहकर इस खेल की बारीकियां सीखी थीं। इनमें हरबीर बैदवान, जिम्मी हंसरा और हीराल पटेल जैसे अनुभवी खिलाड़ी भी शामिल हैं। अमेरिकी टीम के कप्तान सुशील नाडकर्णी ने अपने करियर की शुरुआत भारत से की। वह महाराष्ट्र और सेना की तरफ से भी खेल चुके हैं। उन्हीं के साथी बल्लेबाज आदित्य मिश्रा कर्नाटक का भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, जबकि अभिमन्यु राजप का जन्म लुधियाना में हुआ था। अमेरिकी टीम में वेस्टइंडीज में जन्मे भारतीय मूल के खिलाड़ी गौकरण रूपनारायण भी शामिल हैं।
ओमान के कप्तान आलराउंडर हेमंत मेहता हैं, जिनका जन्म केरल के कोझिकोड में हुआ था। उनकी टीम के मुख्य बल्लेबाज वैभव वेटागांवकर, राजकुमार रणपुरा और जतिंदर सिंह तथा बाएं हाथ के स्पिनर अजय लालचेता का जन्म भी भारत में हुआ था। केन्याई टीम में मुंबई में जन्मे मध्यक्रम के युवा बल्लेबाज तन्मय मिश्रा शामिल हैं, जबकि राकेप पटेल और हीरेन वारेया के रूप में दो भारतीय मूल के खिलाड़ी हैं। हांगकांग की टीम में दलजीत सिंह और किचिंत देवांग शाह दोनों ही 16 साल के हैं। गुजरात में जन्मे शाह विकेटकीपर हैं। डेनमार्क की टीम में भारतीय मूल के लेग स्पिनर बाबी चावला शामिल हैं।
भारतीय उपमहाद्वीप के अन्य देशों विशेषकर पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाडि़यों ने भी इन टीमों में जगह पाई है। ओमान, हांगकांग, अमेरिका आदि टीमों में पाकिस्तानी मूल के खिलाड़ी शामिल हैं। इटली की टीम में श्रीलंकाई मूल के तीन खिलाड़ी हैं। इस चैंपियनशिप में पापुआ न्यू गिनी की टीम भी खेल रही है। उसके विकेटकीपर गेरेंट जोंस हैं, जो इंग्लैंड की तरफ से 34 टेस्ट मैच भी खेल चुके हैं। जोंस का जन्म पापुआ न्यू गिनी में हुआ था और वह फिर से अपने मूल देश से जुड़ गए हैं।
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