संत चिन्मयानंद को महामंडलेश्वर की पदवी
निरंजनी अखाड़े में गुरुवार को भी एक संत को महामंडलेश्वर की पदवी दी गई। इस दिन युवा संत स्वामी चिन्मयानंद का पट्टाभिषेक हुआ। उन्हें श्री श्री विद्याधाम के ब्रंालीन स्वामी गिरिजानंद सरस्वती की गद्दी पर प्रतिष्ठित किया गया है।
कुंभ नगर। निरंजनी अखाड़े में गुरुवार को भी एक संत को महामंडलेश्वर की पदवी दी गई। इस दिन युवा संत स्वामी चिन्मयानंद का पट्टाभिषेक हुआ। उन्हें श्री श्री विद्याधाम के ब्रंालीन स्वामी गिरिजानंद सरस्वती की गद्दी पर प्रतिष्ठित किया गया है।
निरंजनी अखाड़े में बुधवार को महिला संत निर्भयानंद पुरी को महामंडलेश्वर की पदवी दी गई थी। स्वामी चिन्मयानंद का वैदिक रीति रिवाज से निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी पुण्यानंद गिरि ने पट्टाभिषेक किया। कार्यक्रम मंत्रोच्चार से प्रारंभ हुआ। वर्धनी कलश में वेद मंत्रों के बीच जल भरा गया। फिर उससे स्वामी चिन्मयानंद को स्नान कराया गया। वरुण को भोजन कराने के बाद अखाड़े के आचार्य ने तिलक लगाकर पट्टाभिषेक किया। अखाड़े के पंचों ने चादर चढ़ाई। अखाड़े के सचिव एवं प्रबंधक महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि 26 वर्षीय स्वामी चिन्मयानंद ने तीन वर्ष पहले हरिद्वार कुंभ में स्वामी गिरिजानंद सरस्वती से दीक्षा ली थी। स्वामी जी के ब्रंालीन होने पर चिन्मयानंद को उनके पद पर प्रतिष्ठित किया गया है। इंदौर जिले के निवासी चिन्मयानंद वेद वेदांत में आचार्य हैं।
जूना अखाड़े में बनेंगे चार महामंडलेश्वर-
जूना अखाड़ा चार संतों को महामंडलेश्वर की पदवी देने जा रहा है। इसकी तिथि अभी तय नहीं हुई है लेकिन अगले माह सभी का पट्टाभिषेक होगा। अखाड़े के सचिव महंत प्रेम गिरि ने बताया कि एक युवा महिला संत किरण गिरि को महामंडलेश्वर बनाया जाएगा।
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