श्रद्धावान लभते ज्ञानम्
सोहम पीठाधीश्वर स्वामी विवेकानंद महाराज ने कहा कि श्रद्धा विश्वास से सुना हुआ उपदेश सार्थक होता है।
जींद। सोहम पीठाधीश्वर स्वामी विवेकानंद महाराज ने कहा कि श्रद्धा विश्वास से सुना हुआ उपदेश सार्थक होता है। उन्होंने उपमन्यु भक्त का उदाहरण देते हुए कहा कि उपमन्यु एक साधारण बालक होने पर भी गुरू के प्रति पूर्ण निष्ठावान था। गुरु की आज्ञा का कभी उल्लंघन नहीं करता था। कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी गुरु निष्ठा से विचलित नहीं हुआ। यहां तक की अंधा होकर कुएं में भी गिर जाता है। अंत में गुरु कृपा उस पर होती है उसे केवल पुन: दृष्टि ही प्राप्त नहीं होती अपितु दिव्य दृष्टि भी प्राप्त हो जाती है। सोहम पीठाधीश्वर स्वामी विवेकानंद महाराज रविवार को विवेकानंद नगर में अखिल भारतीय सोहम महा मंडल के तत्वाधान में भागवत कथा व विराट संत सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रद्धा विश्वास के कारण ही उसे सारे शास्त्र हृदयांगन में हो जाते हैं और यदि श्रेष्ठ उपदेश श्रद्धा व विश्वास के बिना सुना जाएगा वह कभी सफल नहीं हो सकेगा। उस उपदेश का कोई लाभ न होगा। उपदेश एक कान से दूसरे कान में से निकल जाएगा। प्रवचनों की श्रृंखला में डॉ. स्वामी शिवचैतन्य महाराज ने मन को एकाग्र करने के सरल उपाय बताए। महामंडलेश्वर स्वामी शुकदेवानंद ने भगवतशरणगति कैसे प्राप्त हो सोदाहरण व्याख्या की। महामंडलेश्वर प्रकाश महाराज ने प्रेम की सुंदर व्याख्या की। स्वामी सत्यानंद ने साधना के लिए तितिक्षा पर विशेष बल दिया। भगवत व्यास राम गोपाल ने प्रहलाद के रोचक वर्णन करते हुए कहा कि भगवान की शरण में पहुंचने पर व्यक्ति निर्भय हो जाता है।
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