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दूरी कम करने को आगे आए बोर्ड

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने बुधवार को यह मानने से इनकार कर दिया कि आस्ट्रेलिया में भारतीय टीम के अंदर कोई मतभेद हैं लेकिन कहा कि बीसीसीआई को नजरिए में अंतर के मुद्दे को निपटाने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए।

By Edited By: Published: Wed, 22 Feb 2012 06:51 PM (IST)Updated: Wed, 22 Feb 2012 06:51 PM (IST)

नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने बुधवार को यह मानने से इनकार कर दिया कि आस्ट्रेलिया में भारतीय टीम के अंदर कोई मतभेद हैं लेकिन कहा कि बीसीसीआई को नजरिए में अंतर के मुद्दे को निपटाने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए।

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कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने इस आधार पर टीम में तीन शीर्ष बल्लेबाजों को रोटेट करने की प्रणाली का बचाव किया था कि वे क्षेत्ररक्षण के दौरान धीमे हैं लेकिन वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि वह और अन्य दो सीनियर खिलाड़ी मैच में इनमें से एक खिलाड़ी को इस कारण से आराम दिए जाने से बेखबर थे। कपिल ने कहा कि वह इसे टीम के अंदर मतभेद करार नहीं देंगे बल्कि इसे नजरिए में अंतर कहेंगे। उन्होंने कहा, मैं इसे टीम के अंदर मतभेद नहीं कहूंगा बल्कि इसे नजरिए में अंतर कहना चाहूंगा। इस मुद्दे पर टिप्पणी करना काफी मुश्किल है क्योंकि हम नहीं जानते कि आस्ट्रेलिया में असल में क्या हुआ है।

यह पूछने पर कि सीनियर खिलाड़ी जैसे सहवाग को सलामी बल्लेबाजों के बीच अपनाई जा रही रोटेशन प्रणाली का कारण क्यों नहीं बताया गया तो कपिल ने कहा, यहां तक कि मां बाप का नजरिया भी कई बार अलग होता है, इसलिए हमें इसे तूल नहीं देना चाहिए। कपिल ने कहा, कप्तान धौनी की राय अलग होगी और आम तौर पर उसके नजरिए का सम्मान किया जाता है। मुझे लगता है कि टीम और देश की बेहतरी के लिए बीसीसीआई को आगे आकर खिलाडि़यों के साथ इस मामले को सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा, खिलाडि़यों को समझना होगा कि देश का सम्मान उनसे जुड़ा है। अगर कोई गलतफहमी है तो इसका निपटारा किया जाना चाहिए। वे देश के लिए खेल रहे हैं।

कपिल ने कहा कि उनकी राय में सचिन तेंदुलकर को तभी एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लेना चाहिए था जब भारत ने पिछले साल विश्व कप जीता था, लेकिन अलविदा कहने का फैसला खिलाड़ी को ही करना है। उन्होंने कहा, मैं सचिन तेंदुलकर को संन्यास लेने की सलाह देने वाला कोई नहीं हूं। लेकिन मेरी राय में उसे तभी वनडे से अलविदा कह देना चाहिए था जब भारत ने विश्व कप जीता था, तब टीम शीर्ष पर थी। लेकिन यह मेरी राय है। मुझे लगता है कि मैं अपनी राय रख सकता हूं? लेकिन फैसला उसी को करना है।

कपिल ने कहा, तेंदुलकर अपने क्रिकेट का लुत्फ उठा रहा है और उसने टीम और देश के लिए काफी उपलब्धियां हासिल की हैं। हम लिटिल मास्टर से और क्या उम्मीद कर सकते हैं। वर्ष 1983 विश्व कप विजेता टीम के कप्तान ने कहा, लेकिन अगर मैं तेंदुलकर की जगह होता तो मैं भारत के विश्व कप जीतने के बाद तभी यह कह देता कि मैंने टीम और देश के लिए क्रिकेट में काफी कुछ हासिल कर लिया है और अब अन्य खिलाडि़यों के टीम में लाने का समय आ गया है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने आस्ट्रेलिया में भारतीय टीम के टेस्ट में निराशाजनक प्रदर्शन की जांच करने से इनकार कर दिया है लेकिन कपिल ने कहा कि बीसीसीआई और चयनकर्ताओं को पता करना होगा कि टीम में क्या गलत हुआ था।

कपिल ने कहा, इस पर फैसला चयनकर्ताओं को करना है। मुझे लगता है कि सही यही होगा कि जब आस्ट्रेलिया दौरा खत्म हो जाए तो बीसीसीआई और चयनकर्ता बैठकर भारतीय क्रिकेट के लिए भविष्य की रणनीति बनाएं। अगर सीनियर खिलाड़ी इस रणनीति का हिस्सा हैं तो ठीक है। वर्ना खिलाडि़यों को यह बात समझनी होगी। यह पूछे जाने पर कि क्या चयनकर्ताओं को अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे भारतीय क्रिकेटरों को उसी तरह ही बाहर कर देना चाहिए जैसा आस्ट्रेलिया ने वनडे टीम से रिकी पोंटिंग जैसे खिलाड़ी को बाहर करके किया तो कपिल ने कहा कि अलग-अलग देशों में अलग प्रणाली काम करती है।

कपिल ने कहा, आस्ट्रेलियाई अलग नियम अपनाते हैं। वे प्रदर्शन या खराब प्रदर्शन पर ही अडिग हैं। लेकिन भारत में यह चीज कारगर नहीं होती। अलग देशों में अलग प्रणाली काम करती है। भारत आस्ट्रेलिया जैसे नियम नहीं अपना सकता।

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