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दीपदान कर करेंगे कल्याण की कामना

देव दीपावली का पावन पर्व कार्तिक पूर्णिमा बुधवार को मनाया जाएगा। स्नान, दान और समर्पण के इस पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह है। यह ऐसा पावन अवसर है जिसमें देवता भी दीपक जलाने के लिए स्वर्ग से पृथ्वी पर उतरते हैं। ऐसी मान्यता है कि जिसका घर दीपक से जगमगाता रहता है और भक्त पूजन में दान-पूजन करते हैं देवता उनके घर में जाकर हर मुराद पूरी करते हैं।

By Edited By: Published: Wed, 28 Nov 2012 11:31 AM (IST)Updated: Wed, 28 Nov 2012 11:31 AM (IST)

इलाहाबाद। देव दीपावली का पावन पर्व कार्तिक पूर्णिमा बुधवार को मनाया जाएगा। स्नान, दान और समर्पण के इस पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह है। यह ऐसा पावन अवसर है जिसमें देवता भी दीपक जलाने के लिए स्वर्ग से पृथ्वी पर उतरते हैं। ऐसी मान्यता है कि जिसका घर दीपक से जगमगाता रहता है और भक्त पूजन में दान-पूजन करते हैं देवता उनके घर में जाकर हर मुराद पूरी करते हैं। आचार्य त्रिवेणी प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा सुबह यमुना स्नान व दान-पुण्य करने से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है। इसमें भगवान कार्तिकेय का दर्शन-पूजन पुण्यकारी होता है। साधक के शाम को मां त्रिपुरा पुष्कर के नाम पर यमुना में दीपदान व दूध करने से भगवान विष्णु को प्रसन्नता मिलती है।

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घरों में जलाएं दीपक- परिवर्तन मानव विकास संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. बिपिन पांडेय के अनुसार देव दीपावली पर दूध, फल, द्रव्य, वस्त्र का दान करने से साधक की हर कामना पूरी होती है। शाम को 5.52 से 7.45 तक भगवान कार्तिकेय, मां लक्ष्मी, गणेश का पूजन करने का उपयुक्त समय है। पूजन स्थल पर देशी घी व अन्य स्थानों पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं। रात में यमुना या गंगा में दीपदान करना चाहिए।

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