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गुरु का रिकार्ड तोड़ गौरवान्वित हुए वीरू

इंदौर। वनडे क्रिकेट इतिहास में सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरा दोहरा शतक जड़ते हुए 219 रनों की बेहतरीन पारी खेलने वाले विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग अपने रोल माडल और गुरु तेंदुलकर का यह रिकार्ड तोड़कर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। सहवाग ने वेस्टइंडीज के खिलाफ गुरुवार को चौथे वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में यह कारनामा कर दिखाया।

By Edited By: Published: Fri, 09 Dec 2011 01:08 PM (IST)Updated: Fri, 09 Dec 2011 01:08 PM (IST)

इंदौर। वनडे क्रिकेट इतिहास में सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरा दोहरा शतक जड़ते हुए 219 रनों की बेहतरीन पारी खेलने वाले विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग अपने रोल माडल और गुरु तेंदुलकर का यह रिकार्ड तोड़कर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। सहवाग ने वेस्टइंडीज के खिलाफ गुरुवार को चौथे वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में यह कारनामा कर दिखाया।

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इस विस्फोटक पारी के दौरान उन्होंने 149 गेंद का सामना किया तथा 25 चौके और सात छक्के लगाए। इस दौरान उन्होंने तेंदुलकर का वनडे क्रिकेट में सर्वाधिक व्यक्तिगत पारी का नाबाद 200 रन का रिकार्ड भी तोड़ा। सहवाग ने मैच के बाद कहा, मैं अपने रोल माडल तेंदुलकर का रिकार्ड तोड़कर खुश हूं। बल्लेबाजों के लिए दोहरा शतक बनाना आसान नहीं होता। पिछले कई सालों में दो ही बल्लेबाज ऐसा कर सके हैं। ऐसा मौका जीवन में एक बार ही आता है। मंैं खुश हूं कि मैंने इस मौके का फायदा उठाया। उन्होंने कहा, मैंने किसी भी समय नहीं सोचा था कि मैं दोहरा शतक बनाने में सफल रहूंगा। पारी की शुरुआत करते हुए मैंने गौतम [गंभीर] से कहा कि अगर हम थोड़ा संयम बनाए रखते हैं तो हम इस विकेट पर बड़ा स्कोर खड़ा कर सकते हैं। आउटफील्ड बेहतरीन थी और बाउंड्री की दूरी केवल 50 गज थी। उन्होंने कहा, केवल बल्लेबाजी पावरप्ले शुरू होने के बाद ही मैंने सोचा कि मैं दोहरे शतक तक पहुंच सकता हूं। इसके अलावा जब सैमी ने मेरा कैच [170 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर] छोड़ा तो मैं समझ गया कि भगवान मेरे साथ हैं। नजफगढ़ के नवाब के नाम से मशहूूर सहवाग ने अपने परिजनों और हजारों प्रशंसकों का भी आभार व्यक्त किया जिन्हें हमेशा उम्मीद थी कि वह वनडे में दोहरा शतक बनाएंगे। उन्होंने अपनी यह ऐतिहासिक पारी अपने दिवंगत पिता की स्मृति को समर्पित की। सहवाग ने कहा, मैं बेहद खुश हूं और यह पारी अपने पिता को समर्पित करता हूं, जो अब हमारे साथ इस दुनिया में नहीं हैं। मुझे अब तक 700 से 800 लोगों ने एसएमएस करके बधाई दी है। लेकिन मैं फिलहाल उनके संदेशों का जवाब नहीं दे पाया हूं। सहवाग ने बताया कि ऐतिहासिक पारी के बाद उन्होंने अपनी मां से फोन पर बात की, जो उनकी उपलब्धि से स्वाभाविक तौर पर बहुत खुश हैं।

भारतीय कप्तान ने अपनी पारी के बारे में कहा, यह मेरी बेहतरीन पारियों में से एक थी। टेस्ट क्रिकेट में लंबे समय तक बल्लेबाजी की जा सकती है। लेकिन इसके ठीक उलट वनडे क्रिकेट में आपको रनों की रफ्तार का भी ख्याल रखना होता है। सहवाग ने होल्कर स्टेडियम के विकेट की तारीफ की और कहा, विकेट अच्छा था, पर विपक्षी गेंदबाज मुझे लगातार आउट करने की स्वाभाविक कोशिश कर रहे थे। दो सौ रनों का आंकड़ा पार करना आसान नहीं था।

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