तपस्यारत गंगाप्रेमी का रक्तचाप सामान्य से नीचे
गंगा की अविरलता-निर्मलता के लिए मंडलीय अस्पताल में तपस्यारत गंगाप्रेमी भिक्षु का रक्तचाप लगातार गिरता जा रहा है। गुरुवार को उनका रक्तचाप 100/60 आंका गया।
वाराणसी। गंगा की अविरलता-निर्मलता के लिए मंडलीय अस्पताल में तपस्यारत गंगाप्रेमी भिक्षु का रक्तचाप लगातार गिरता जा रहा है। गुरुवार को उनका रक्तचाप 100/60 आंका गया। चिकित्सकों के अनुसार सामान्य से काफी नीचे है और इसका शरीर पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
वहीं नब्ज की रफ्तार 60 और वजन 35 किलो था। मंडलीय अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डीबी सिंह के अनुसार स्वास्थ्य स्थिर है लेकिन पौष्टिक आहार की कमी से कमजोरी बढ़ती जा रही है। यह भी बताया कि तपस्यारत गंगाप्रेमी के स्वास्थ्य की जानकारी ऊपर के अधिकारियों को दे दी गई है। इधर, गंगाप्रेमी के सेवकों ने बताया कि भिक्षु जी कुछ बेचैनी महसूस कर रहे हैं। वह तड़के तीन बजे ही उठ गए। थोड़ी देर बैठे रहे फिर श्रीमद्भागवत कथा सुनने की इच्छा जाहिर की। अस्पताल में उनके साथ मौजूद पं. रूपेश तिवारी ने उन्हें कथा सुनाई। इसके बाद उन्होने लैपटॉप पर श्रीकृष्ण लीला का वीडियो भी देखा। सुबह जब चिकित्सक उनके स्वास्थ्य की जांच करने आए तो गंगाप्रेमी ने डॉक्टरों से हाथ जोड़ कर ड्रिप निकालने का अनुरोध किया और बताया कि इससे उन्हें घबड़ाहट हो रही है। विश्वास दिलाया कि उन्हें कुछ नहीं होगा। इसके पहले वह हिमालय की कंदराओं में अन्न-जलत्याग तपस्या कर चुके हैं। अभी कुछ वर्ष पूर्व ही शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के गंगा अभियान के दौरान काशी में भी निर्जल तपस्या की थी। उनकी बात सुनने के बाद चिकित्सकों ने स्वास्थ्य व जिम्मेदारी का हवाला देते हुए ड्रिप निकालने से इन्कार कर दिया। मेडिकल जांच में कीटोन बॉडी पॉजिटिव पाई गई।
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