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छिन्नमस्तका माता मंदिर

झारखंड के रामगढ़ जिलांतर्गत रजरप्पा में अवस्थित है माता छिन्नमस्तका का मंदिर।

By Edited By: Published: Wed, 17 Oct 2012 07:30 AM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2012 07:30 AM (IST)
छिन्नमस्तका माता मंदिर

रामगढ़। झारखंड के रामगढ़ जिलांतर्गत रजरप्पा में अवस्थित है माता छिन्नमस्तका का मंदिर। पुराणों में वर्णित दस महाविद्याओं में से एक हैं माता छिन्नमस्तका। इनका विग्रह इस प्रकार है। इनकी एक भुजा में खड्ग और दूसरे में उन्हीं का कटा हुआ सिर है। उनकी धड़ से रक्त की तीन धाराएं बह रही हैं। दो धाराएं उनके अगल-बगल खड़ीं दो योगिनियों के मुंह में तथा तीसरी धारा माता छिन्नमस्तका के मुंह में ही समा रही हैं। उनके पांवों के नीचे विपरीत मुद्रा में रति और कामदेव हैं। माता छिन्नमस्तका की महिमा अपरंपार है। वह अपने भक्तों पर तत्काल कृपा करती हैं और उसकी संपूर्ण मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं। यही कारण है कि माता के दरबार में भक्तों की भीड़ उमड़ती रहती है।

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इस संबंध में एक प्रचलित कथा के अनुसार एक ब्राह्मण गांव-गांव शंख चूड़ी बेचते हुए रजरप्पा मंदिर के निकट पहुंचा। उसे स्नान करने की इच्छा हुई। उसने शंख-चूड़ी के बक्से को एक वृक्ष के नीचे रखकर दामोदर नदी में स्नान किया। बाहर निकल कर जैसे ही अपना वस्त्र बदला कि दामोदर-भैरवी संगम स्थल के समीप नदी की बीच धारा में उसे एक दिव्य ज्योति दिखाई पड़ी। ज्योति धीरे-धीरे एक कुंवारी कन्या में बदल गई। उसके एक हाथ में कटार और दूसरे हाथ में शंख था। उसने दो चूड़ी मांगी तो ब्राह्मण ने दे दिया। उसने कहा कि इसका पैसा हेसापोड़ा के जगेश्वर पंडा से ले लेना। जब ब्राह्मण पैसा लेने पहुंचा तो पंडा आश्चर्य में पड़ गया। बाद में कन्या से मिलने पर बताया कि पूर्व जन्म में आपकी बेटी थी। वह पार्वती एवं दस महाविद्याओं में से एक हैं

इस स्थल पर पहुंच कर जिसने भी माता छिन्नमस्तका की उपासना की, वह पूरी तरह से सफल होता चला गया। माता के समक्ष भक्त सच्चे मन से जो मांगता है माता उसे जरूर पूरी करती हैं। खासतौर से पुत्र रत्‍‌न की मांग करने वालों को।

-मां छिन्नमस्तिा की पूजा किन मंत्रों से होती है

-श्रीं हीं क्लीं ऐं बज्र बैरोचनीय हुं हुं फट स्वाहा पहुंचे के मार्ग है- -रांची से रजरप्पा की दूरी 55 किलोमीटर।

-रामगढ़ से जाने के लिए चितरपुर से राष्ट्रीय उच्च पद छोड़ कर ..किलोमीटर।

-धनबाद या बोकारो की ओर से जाने के लिए गोला में राष्ट्रीय उच्च पथ छोड़ कर ..किलोमीटर।

-यहां पहुंचने के लिए बस से रामगढ़ और फिर ट्रेकर से रजरप्पा मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।

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