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बिना शतक के दूसरी बार 1000 रन

सचिन तेंदुलकर ने अपना आखिरी शतक लगाने के बाद से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 1000 रन पूरे कर लिए हैं। इस महान बल्लेबाज के करियर कायह केवल दूसरा अवसर है जबकि उन्होंने तिहरे अंक में पहुंचे बिना 1000 से अधिक रन बनाए हैं।

By Edited By: Published: Wed, 15 Feb 2012 02:12 PM (IST)Updated: Wed, 15 Feb 2012 02:12 PM (IST)
बिना शतक के दूसरी बार 1000 रन

नई दिल्ली। सचिन तेंदुलकर ने अपना आखिरी शतक लगाने के बाद से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 1000 रन पूरे कर लिए हैं। इस महान बल्लेबाज के करियर कायह केवल दूसरा अवसर है जबकि उन्होंने तिहरे अंक में पहुंचे बिना 1000 से अधिक रन बनाए हैं।

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तेंदुलकर ने अपना आखिरी शतक पिछले साल विश्व कप के दौरान 12 मार्च को नागपुर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लगाया था। यह उनका 99वां अंतरराष्ट्रीय शतक था लेकिन इसके बाद उनके 100वें शतक यानि महाशतक का इंतजार 28 पारियों तक खिंच चुका है। तेंदुलकर ने इन 28 पारियों में 35.75 की औसत से 1001 रन बना लिए हैं। उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ एडिलेड में अपनी 15 रन की पारी के दौरान बिना शतक के 1000वां रन पूरा किया। उन्होंने इस बीच आठ अर्धशतकीय पारियां खेली। इस दिग्गज बल्लेबाज ने इस दौरान 11 टेस्ट मैच की 21 पारियों में 37.04 की औसत से 778 रन बनाए जिसमें छह अर्धशतक शामिल हैं। दूसरी तरफ सात एकदिवसीय मैचों में वह 223 रन ही बना पाए और इस प्रारूप में उन्होंने इस बीच दो अर्धशतक लगाए। तेंदुलकर इस बीच दो बार नर्वस नाइंटीज के भी शिकार बने। इससे पहले तेंदुलकर के करियर में 2007 में भी एक दौर ऐसा आया था जबकि वह शतक के लिए तरस गए थे। तब सचिन ने बिना शतक के लगातार 34 अंतरराष्ट्रीय पारियां खेली थी। तेंदुलकर के करियर का यह दौर 23 जून 2007 को आयरलैंड के खिलाफ बेलफास्ट में खेले गए एकदिवसीय मैच से शुरू हुआ था और आस्ट्रेलिया के खिलाफ 26 दिसंबर 2007 से मेलबर्न में शुरू हुए टेस्ट मैच तक चला था। उन्होंने इस बीच 29 अंतरराष्ट्रीय मैच की 34 पारियों में 47.24 की औसत से 1559 रन बनाए थे। मास्टर ब्लास्टर ने उस दौरान 15 अर्धशतक लगाए थे। वह तब सात बार नर्वस नाइंटीज के शिकार बने। इनमें से तीन बार तो तेंदुलकर केवल एक रन से शतक से चूक गए थे। इस बीच उन्होंने छह टेस्ट मैच में 44.40 की औसत से 444 रन और 23 वनडे में 48.47 की औसत से 1115 रन बनाए थे। तेंदुलकर ने दो जनवरी 2008 से आस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में शुरू हुए टेस्ट मैच में शतक का इंतजार खत्म किया था। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के बाद तेंदुलकर को पहले शतक के लिए 21 पारियों तक इंतजार करना पड़ा था लेकिन इससे पहले की 20 पारियों में उन्होंने 553 रन बनाए थे जिसमें चार अर्धशतक शामिल थे। इसके बाद उन्होंने अपने दूसरे शतक के लिए भी काफी इंतजार किया था।

तेंदुलकर ने अपना पहला शतक अगस्त 1990 में इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में लगाने के बाद दूसरा सैकड़ा जनवरी 1992 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में लगाया था। इस बीच उन्होंने 24 अंतरराष्ट्रीय पारियां खेली जिनमें 29.54 की औसत से 650 रन बनाए। उन्होंने सितंबर से लेकर दिसंबर तक बीच में 21 अंतरराष्ट्रीय पारियों में भी शतक नहीं जड़ा था लेकिन इस बीच उनके बल्ले से 680 रन ही निकले थे।

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