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इक्यावनी शक्ति पीठ का दिखेगा नया अवतार

गंगा तट पर सुंदर ग्रामा, कोट कड़ा प्रसिद्धि तेहि नामा, मध्यग्राम अद्भूत अभिरामा, मातु शीतला देवी धामा।

By Edited By: Published: Sat, 20 Oct 2012 12:28 PM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2012 12:28 PM (IST)
इक्यावनी शक्ति पीठ का दिखेगा नया अवतार

कौशाम्बी। गंगा तट पर सुंदर ग्रामा, कोट कड़ा प्रसिद्धि तेहि नामा, मध्यग्राम अद्भूत अभिरामा, मातु शीतला देवी धामा।

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कड़ा धाम में आने वाले श्रद्धालु यह

चौपाई पूरी श्रद्धा के साथ पढ़ते हैं ताकि उन पर मां शीतला की कृपा बनी रहे और उनके घर खुशहाल रहे। इक्यावनीं शक्तिपीठों में से एक कड़ा धाम में नवरात्रि पर्व पर प्रतिदिन हजारों की तादाद में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। अबकी कड़ा धाम नए अवतार में दिखेगा। इसकी तैयारियों में पंडा समाज जोर-शोर से जुटा हुआ है।

श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए सारे इंतजाम किए जा रहे हैं। कड़ा में स्थित मां शीतला का मंदिर इक्यावनीं शक्तिपीठ है। इस स्थान पर शक्तिपात हुआ था। देवी पुराण बताते हैं कि जब भगवान शंकर सती की छाया शरीर लेकर तांडव नृत्य कर रहे थे। तभी प्रलयंकारी गर्जना हो रही थी। धरती कांपने लगी थी।

शिव जी के इस तांडव नृत्य को रोकने के लिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के छाया शरीर के टुकड़े करना शुरू कर दिए। देश के 51 जगहों पर सती के छाया शरीर के टुकड़े गिरे। इनमें से सती के दाहिने हाथ का कर कड़ा धाम में गिरा था। इसलिए इसे शक्तिपीठ धाम कड़ा कहा गया। जिस स्थान पर सती का कर गिरा था वहां पर एक

कुंड बनाया गया है। श्रद्धालु इस कुंड में पूरी श्रद्धा के साथ जल चढ़ाते हैं

और मां शीतला से मनोवांछित कामना के लिए मनौती मानते हैं। नवरात्रि पर्व पर

कड़ा धाम में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां पूजा-पाठ के लिए आते हैं।

कड़ा धाम में अबकी बार श्रद्धालुओं के लिए पंडा समाज विशेष इंतजाम कर रहा है।

गंगा स्नान करने के बाद श्रद्धालु पैदल कड़ा धाम जाते हैं। धूप निकलने पर उनको

तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं कई श्रद्धालु ऐसे होते हैं जो जमीन

पर लेट कर परिक्रमा करते हैं। श्रद्धालुओं को धूप न लगे और उन्हें परेशानी न हो इसके लिए अबकी मुख्य गेट से मंदिर तक अस्थाई शेड बनवाया जा रहा है। इसके अलावा अन्य जरूरी इंतजाम भी पंडा समाज अपने श्रोतों से कर रहा है।

कैसे पहुंचे कड़ा धाम-

सिद्ध पीठ माता शीतला का दरबार पहुंचने के लिए सिराथू रेलवे स्टेशन से पश्चिम करीब 12 किमी है। कड़ा धाम पहुंचने के लिए सिराथू से टेंपो, टैक्सी हैं। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सिराथू रेलवे स्टेशन, इसके अलावा सैनी जीटी रोड में बस अड्डा है। यहां से रात-दिन कड़ा धाम के लिए वाहन मिलते हैं।

कड़ा धाम में बाहर से आने वाले श्रद्धालु यादातर सिराथू रेलवे स्टेशन में उतरते हैं। सिराथू रेलवे स्टेशन में जनता एक्सप्रेस, संगम एक्सप्रेस, लाल किला एक्सप्रेस, कानपुर-इलाहाबाद पैसेंजर, चौरीचौरा एक्सप्रेस, तूफान एक्सप्रेस और इंटरसिटी ट्रेनें रुकती हैं।

कड़ा धाम में रुकने का भी है इंतजाम-

कड़ा शीतला धाम मंदिर में श्रद्धालुओं के रुकने का भी इंतजाम है। लगभग पंडों ने अपने यहां श्रद्धालुओं के लिए रात्रि विश्राम का इंतजाम कर रखा है। इसके अलावा धर्मशाला, बारादरी और गेस्ट हाउस भी बनाए गए हैं।

ऐतिहासिक है बाराही धाम-

जिले का मां बाराही धाम दुर्गा उपासना के लिए प्रसिद्ध है। यह रानीगंज तहसील क्षेत्र के चौहर्जन गांव में है। माना जाता है कि यह आल्हा ऊदल के समय से आस्था का केंद्र है। यहां पर आल्हा ऊदल से जुड़ी बातों के प्रमाण भी हैं, जिनमें सुरंग और वह कुआं आज भी है जिसमें वे दोनों योद्धा हथियार रखते थे। यहां पर नवरात्र में लाखों की भीड़ होती है। तीन साल पहले मां बाराही महोत्सव प्रदेश सरकार ने कराया था।

कैसे पहुंचें- बाराही धाम जाने के लिए रानीगंज दांदूपुर रेलवे स्टेशन उतरें, वहां से टैक्सी सुविधा है। स्टेशन से इसकी दूरी लगभग 10 किलो मीटर है।

प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय से सड़क मार्ग से जाने के लिए भुपियामऊ होकर करीब 28 किलो मीटर की दूरी तय करनी होती है। यह धाम भी सई नदी के किनारे हैं।

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