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ध्रुव-प्रह्लाद जैसा भक्त बनें

धन-दौलत से ईश्वर बिकने वाले नहीं हैं, वह तो प्रेम के भूखे हैं। भक्त द्वारा सच्चे हृदय से की गई करुणामयी पुकार सुनकर वह खुद उसके पास दौड़े चले आते हैं। प्रेम में वह शक्ति है जिससे सबको अपने सामने झुकाया जा सकता है।

By Edited By: Published: Mon, 25 Feb 2013 03:52 PM (IST)Updated: Mon, 25 Feb 2013 03:52 PM (IST)
ध्रुव-प्रह्लाद जैसा भक्त बनें

कुंभनगर। धन-दौलत से ईश्वर बिकने वाले नहीं हैं, वह तो प्रेम के भूखे हैं। भक्त द्वारा सच्चे हृदय से की गई करुणामयी पुकार सुनकर वह खुद उसके पास दौड़े चले आते हैं। प्रेम में वह शक्ति है जिससे सबको अपने सामने झुकाया जा सकता है। शांतिदूत देवकीनंदन ठाकुर ने कुंभ क्षेत्र में प्रवचन के दौरान यह विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हमें प्रह्लाद और धु्रव जैसा भक्त बनना चाहिए। इन दोनों ने प्रभु की भक्ति के लिए सारी सुख-सुविधाओं का त्याग करके कड़ी तपस्या की। यह उसी का प्रभाव था कि जब वह परेशानी में पड़े तो प्रभु खुद उनकी मदद करने आए। ठाकुर जी कहा कि इंसान आडंबर में इतना डूबा है कि उसे सही गलत का पता ही नहीं चलता। वह सब कुछ अपनी सुविधानुसार करना चाहता है। यहां तक कि भजन-पूजन भी सुविधानुसार करता है। यही उसकी सबसे बड़ी भूल है, वह धन-दौलत से सारी सुविधाएं से खरीद सकता है परंतु परमात्मा को नहीं। उन्होंने कहा कि आज के दौर में लोग समय बचाने के लिए ऐसी दौड़ लगा रहे हैं कि खुद का एहसास नहीं रहा। सामाजिक विकृतियां बढ़ने का यही कारण है, क्योंकि इससे उनकी धर्म से दूरी बढ़ती जा रही है। जहां धर्म नहीं होगा वहां अशांति तो रहेगी ही। देवकीनदंन ठाकुर के संगीतमयी भजनों को सुनकर श्रोता खूब थिरके।

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प्रयाग में मिलते हैं परमात्मा

धर्मनगरी प्रयाग में सिर्फ पुण्य आत्माएं ही पहुंच पाती हैं। यहां आने पर बिन मांगें उनकी हर इच्छा पूरी होती है, क्योंकि परमात्मा स्वयं अलग-अलग वेष में इस पावन नगरी में भ्रमण करते हैं। वह किसी भी रूप में अपने साधक की परीक्षा लेने के लिए उनके पास पहुंच सकते हैं। इसलिए हर मानव को धर्म के मार्ग का अनुसरण करना चाहिए, यही वह मार्ग है जिस पर चलकर परमात्मा के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है।

प्रख्यात कथावाचक सुधांशु जी महाराज ने कुंभ क्षेत्र स्थित अपने शिविर में प्रवचन के अंतिम दिन रविवार को यह विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि त्याग और समर्पण से परमात्मा को अपने वश में करने का सबसे सरल माध्यम है। कहा कि सच्चाई वह मार्ग है जिसका अनुसरण करने वाले को किसी के सामने सिर नहीं झुकाना पड़ता।

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