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हमें मौजूदा डीआरएस स्वीकार्य नहीं

इंग्लैंड दौरे के दौरान डीआरएस के कई गलत फैसलों की शिकार हुई टीम इंडिया के कप्तान धौनी की आलोचना के बाद बीसीसीआई के नए अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने भी साफ तौर पर कहा कि मौजूदा फार्म में अंपायरों के फैसले की समीक्षा प्रणाली उन्हें स्वीकार्य नहीं है और वे आईसीसी की आगामी बैठकों में यह मसला उठाएंगे।

By Edited By: Published: Mon, 19 Sep 2011 05:52 PM (IST)Updated: Mon, 19 Sep 2011 05:52 PM (IST)

मुंबई। इंग्लैंड दौरे के दौरान डीआरएस के कई गलत फैसलों की शिकार हुई टीम इंडिया के कप्तान धौनी की आलोचना के बाद बीसीसीआई के नए अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने भी साफ तौर पर कहा कि मौजूदा फार्म में अंपायरों के फैसले की समीक्षा प्रणाली उन्हें स्वीकार्य नहीं है और वे आईसीसी की आगामी बैठकों में यह मसला उठाएंगे।

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शशांक मनोहर की जगह बीसीसीआई के अध्यक्ष बने श्रीनिवासन ने बोर्ड की सालाना आम बैठक के बाद कहा, हम डीआरएस के इस्तेमाल के पक्षधर नहीं हैं क्योंकि बाल ट्रैकिंग [गेंद की दिशा तय करने] तकनीक पर हमें भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा, हमने डीआरएस को मौजूदा फार्म में इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया है। निवर्तमान अध्यक्ष शशांक मनोहर ने आईसीसी की पिछली बैठकों में यह मसला उठाया था और हम आगे भी इसे उठाते रहेंगे। श्रीनिवासन ने यह भी कहा कि सुनील गावस्कर ने बीसीसीआई को लिखा है कि उन्हें तकनीकी समिति के अध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया जाए। उन्होंने कहा, गावस्कर ने हमें लिखा है कि वह सात साल से तकनीकी समिति में हैं और अब किसी नए को जिम्मेदारी देने का समय है। हम सौरव गांगुली को तकनीकी समिति का अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। हमारा उनसे संपर्क नहीं हो सका है लेकिन हमें उसकी सहमति मिलने की उम्मीद है।

मोहिंदर अमरनाथ को उत्तरी क्षेत्र से चयनकर्ता नियुक्त करने के बारे में पूछने पर उनहोंने कहा, मुझे नहीं लगता कि उनकी काबिलियत पर किसी को शक होगा। श्रीनिवासन ने महेंद्र सिंह धौनी और उनकी टीम के इंग्लैंड में प्रदर्शन का भी बचाव किया। टीम इस दौरे में तीनों प्रारूप में कोई भी मैच नहीं जीत पाई थी। उन्होंने कहा, दो महीने पहले वे दुनिया के नायक के थे और वे पूरे देश की आंखों के तारे थे। उन्होंने केवल एक बुरी सीरीज खेली है और हम उसके आधार पर ही उन्हें चुका हुआ नहीं मान सकते। हमें टीम का समर्थन करने की जरूरत है। श्रीनिवासन ने काम के बहुत अधिक बोझ की बात भी नकार दी। उन्होंने कहा कि यह बकवास है कि भारतीय टीम अन्य टीमों की तुलना में अधिक क्रिकेट खेल रही है। उन्होंने कहा, हमने दूसरे देशों के कार्यक्रम से तुलना की और इसमें कोई अंतर नहीं है। इसके अलावा काम के बोझ की बात ही पैदा नहीं होती क्योंकि कुछ खिलाड़ी ही तीनों प्रारूप में खेलते हैं।

श्रीनिवासन ने दोहराया कि बीसीसीआई चोटों के मसलों पर व्यवस्थित ढांचे पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने कहा, हमने फिजियो से साफ कर दिया है कि खिलाडि़यों की फिटनेस में पारदर्शिता और ईमानदारी बरती जानी चाहिए। पिछले तीन साल में आपने देखा होगा कि जिन खिलाडि़यों को एनसीए ने हरी झंडी नहीं दी उनका राष्ट्रीय टीम में चयन नहीं किया गया। श्रीनिवासन ने कहा, हम सर्वश्रेष्ठ भारतीय टीम उतारना चाहते हैं। हम फिर से शीर्ष पर पहुंचने के लिए लंबा इंतजार नहीं कर सकते। यह [इंग्लैंड] दौरा हमारी योजना के मुताबिक नहीं रहा। भारत-पाकिस्तान सीरीज के बारे में श्रीनिवासन ने बताया कि अभी इस पर कोई काम नहीं हो रहा है।

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