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कैसे पहुंचें अमरनाथ

कैसे पहुंचें अमरनाथ- पवित्र हिमलिंग के दर्शन के लिए अमरनाथ गुफा की यात्रा दो मागरें से की जा सकती है

By Edited By: Published: Thu, 14 Jun 2012 12:59 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jun 2012 12:59 PM (IST)

जम्मू। कैसे पहुंचें अमरनाथ- पवित्र हिमलिंग के दर्शन के लिए अमरनाथ गुफा की यात्रा दो मागरें से की जा सकती है। पहला मार्ग पहलगाम से शुरू होता है और दूसरा बालटाल से। तीर्थयात्री देश के विभिन्न हिस्सों से यात्रा के इन दोनों प्रस्थान बिंदुओं तक रेल, सड़क व हवाई मार्ग से पहुंच सकते है।

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रेल मार्ग- अमरनाथ यात्रा के लिए अंतिम रेलवे स्टेशन जम्मू-कश्मीर की शीतकालीन राजधानी जम्मू है। जम्मू का देश के लगभग सभी हिस्सों से रेल संपर्क है। यात्री जम्मू पहुंचकर वहां से आगे पहलगाम या बालटाल तक की यात्रा बस से पूरी कर सकते है। जम्मू मंदिरों के शहर के रूप में प्रसिद्ध है और यात्री अमरनाथ यात्रा रने से पूर्व या उसके बाद जम्मू के प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर व अन्य मंदिरों के दर्शन कर सकते हैड्ड।

हवाई मार्ग- अमरनाथ यात्रा के लिए निकटतम हवाई अड्डा जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर है। यहां के लिए प्रमुख सरकारी व गैर सरकारी विमानन कंपनियों की हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं। यात्री दिल्ली से यहां तक हवाई सेवा के माध्यम से पहुंचकर पहलगाम तक का 96 किमी का सफर सड़क मार्ग से तय कर सकते हैं।

सड़क मार्ग- सड़क मार्ग उन यात्रियों के लिए उचित है, जो पंजाब व हिमाचल प्रदेश जैसे नजदीकी राज्यों के हैं। यात्री राज्य परिवहन निगमों की बसों से जम्मू तक पहुंच सकते हैं और आगे पहलगाम का 315 किमी का सफर जम्मू-कश्मीर में उपलब्ध वाहनों बस या कार से तय किया जा सकता है। निजी वाहन से चलने वाले पहलगाम या बालटाल तक सीधे पहुंच सकते हैं। यात्री बस के माध्यम से न्यूनतम 130 और अधिकतम 220 रुपये(डीलक्स बस) किराया खर्च कर पहलगाम तक पहुंच सकते हैं। टैक्सी का किराया 360 से 520 रुपये प्रति यात्री तक है। इसी प्रकार बालटाल तक बस का किराया 160 से 270 रुपये तक और टैक्सी का किराया 550 से 760 रुपये तक है।

पहलगाम व बालटाल से आगे- अमरनाथ यात्रा शुरू करने के लिए दो मार्ग हैं। पहलगाम मार्ग व बालटाल मार्ग।

पहलगाम तक पहुंचने के बाद यात्री चंदनबाड़ी, शेषनाग, पंजतरणी होते हुए अमरनाथ पहुंचते हैं। पहलगाम से 16 किमी दूर स्थित चंदनबाड़ी तक मिनी बस की सेवाएं उपलब्ध हैं। इसके बाद 34 किमी का सफर पैदल तय कर गुफा तक पहुंचा जा सकता है। इनमें चंदनबाड़ी से पिस्सू टाप तक 3 किमी का रास्ता है। पिस्सू टाप से शेषनाग तक 11 किमी का रास्ता है। शेषनाग से 4.6 किमी पर महागुण और यहां से 9.6 किमी पर पंजतरणी है। पंजतरणी से 3 किमी की दूरी तय कर संगम पहुंचते हैं। संगम वह जगह है, जहां बालटाल पड़ाव से चलने वाले यात्री भी आगे की यात्रा के लिए इस मार्ग पर आकर मिल जाते हैं। इसके बाद आगे तीन किमी का सफर और तय करके पवित्र गुफा तक पहुंच जाते हैं।

यात्रा का दूसरा प्रस्थान बिंदु बालटाल है। यहां तक जम्मू से 400 किमी का सफर खूबसूरत वादियों के बीच तय करके पहुंचा जाता है। यहां से बरास्ता दोमेल पवित्र गुफा का रास्ता सिर्फ 14 किमी है, पर यह रास्ता पहले मार्ग की तुलना में दुष्कर और उतार-चढ़ाव भरा है।

यात्रा के साधन- दोनों प्रारंभिक पड़ावों से गुफा तक का सफर शारीरिक साम‌र्थ्य के अनुसार पैदल, खच्चर या डांडी के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। पहलगाम मार्ग से चंदनबाड़ी से गुफा तक का कुली का खर्चा 1100 रुपये, डांडी का 7000 और खच्चर का 2300 रुपये है। बालटाल मार्ग से यही किराए क्त्रमश: 700, 3500 व 1100 रुपये है। यह किराए जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा निर्धारित हैं और यात्री इसमें मोल-भाव कर सकते हैं।

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