Move to Jagran APP

उर्दू साहित्यकारों ने की दिव्य रामायण पर चर्चा

<p> मजहब नहीं सीखता आपस में बैर रखना..सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा। प्रसिद्ध कवियों व शायरों द्वारा जब गीतों व शायरी का दौर चला तो देशभक्ति की लहर से ओत-प्रोत श्रोताओं अपने को रोक नहीं पाए। पूरा हॉल तालियों की गडगडाहट से देर तक गूंजता रहा। पूर्वा सांस्कृतिक केंद्र में काश्मीर से पहुंचे उर्दू के शायरों ने महफिल में समां बांध दी। </p>

By Edited By: Published: Tue, 14 Aug 2012 03:01 PM (IST)Updated: Tue, 14 Aug 2012 03:01 PM (IST)
उर्दू साहित्यकारों ने की दिव्य रामायण पर चर्चा

पूर्वी दिल्ली। मजहब नहीं सीखता आपस में बैर रखना..सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा। प्रसिद्ध कवियों व शायरों द्वारा जब गीतों व शायरी का दौर चला तो देशभक्ति की लहर से ओत-प्रोत श्रोताओं अपने को रोक नहीं पाए। पूरा हॉल तालियों की गडगडाहट से देर तक गूंजता रहा। पूर्वा सांस्कृतिक केंद्र में काश्मीर से पहुंचे उर्दू के शायरों ने महफिल में समां बांध दी। जिसके बाद पुस्तक दिव्य रामायण पर विशेष रूप से चर्चा की गई।

loksabha election banner

विकास मार्ग स्थित पूर्वा सांस्कृतिक केंद्र में अभ्युदय प्रतिष्ठान के तत्वावधान में देर शाम स्वतंत्रा दिवस के उपलक्ष्य में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम की अध्यक्षता काश्मीर के प्रसिद्ध उर्दू शायर मो. साज ने की। जिसके बाद जम्मू व उत्तर प्रदेश व दिल्ली के हिंदी व उर्दू के साहित्यकारों ने कविताओं व शायरी के माध्यम से आजादी के महत्ता को बतलाया। वहीं बाबा कानपुरी की पुस्तक दिव्य रामायण पर विशेष रूप से चर्चा हुई। इस दौरान रामायण की छोटे-छोटे संस्मरण व कविताओं भी सुनाई गई। अंजू भाटिया द्वारा भारतीय त्यौहारों व खासकर स्वतंत्रा दिवस की मिलीजुली कलाकृतियां भी पेश की गई। मंच का संचालक लेखिका डा. रेखा व्यास ने की। इस मौके पर साहित्यकार मो. वाहिद, नरेश शर्मा, प्रवीण कुमार समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.