कैलाशानंद अग्नि अखाड़े के महामंडलेश्वर
वसंत पंचमी की पूर्व संध्या पर कुंभ नगरी में चार साधकों को महामंडलेश्वर की पदवी दी गई। अग्नि अखाड़े के सचिव महंत कैलाशानंद ब्रहमचारी ने पदाधिकारी का दायित्व छोड़कर महामंडलेश्वर का पद अपना लिया। एक भव्य समारोह में उन्हें सभी अखाड़ों की तरफ से उन्हें चादर ओढ़ाई।
कुंभ नगर। वसंत पंचमी की पूर्व संध्या पर कुंभ नगरी में चार साधकों को महामंडलेश्वर की पदवी दी गई। अग्नि अखाड़े के सचिव महंत कैलाशानंद ब्रहमचारी ने पदाधिकारी का दायित्व छोड़कर महामंडलेश्वर का पद अपना लिया। एक भव्य समारोह में उन्हें सभी अखाड़ों की तरफ से उन्हें चादर ओढ़ाई। वेणी माधव मंदिर दारागंज के प्रमुख ओंकार गिरि एवं डॉ.वैभव गिरि का जूना ने पट्टाभिषेक किया।
सेक्टर नौ में अग्नि अखाड़े के शिविर में पूर्वाह्न महंत कैलाशानंद को पहले स्वामी की उपाधि दी गई। जूना, अग्नि एवं आवाहन के साधु संतों ने उन्हें पवित्र जल से स्नान कराया। जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने सबसे पहले स्वामी कैलाशानंद को तिलक लगाया। फिर चादर ओढ़ाई। फिर यह प्रक्त्रिया आवाहन अखाड़े आचार्य महामंडलेश्र्र्वर स्वामी शिवेन्द्र पुरी और अग्नि के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी रामकृष्णानंद ने पूरी की। अग्नि अखाड़े के प्रमुख महंत गोपालानंद एवं महंत गोविंदानंद के साथ जूना अखाड़ा के सचिव महंत हरि गिरि ने चादर ओढ़ाई। महामंडलेश्र्र्वर स्वामी यतीन्द्रानंद गिरि समेत एक दर्जन से अधिक महामंडलेश्र्र्वरों ने भी कैलाशानंद को तिलक लगाया। समारोह में सपा के सचिव डीपी यादव, इविवि छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष राणा अजीत प्रताप सिंह, पुनीत सिंह, अरुणा यादव के साथ भोजपुरी गायक मनोज तिवारी ने पूरी प्रक्त्रिया में सम्मिलित हुए। कार्यक्त्रम कमिश्नर देवेश चतुर्वेदी, आईजी आलोक शर्मा, एडीए के सचिव अमर नाथ उपाध्याय के अतिरिक्त मेला के सभी अधिकारी उपस्थित थे। शाम को जूना अखाड़े में तीन महामंडलेश्र्र्वरों ओंकार गिरि, डा.वैभव गिरि एवं आशुतोष गिरि को महामंडलेश्वर की पदवी दी गई। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने चादर ओढ़ाकर यह पदवी प्रदान की। दो घंटे तक चले संस्कार में अखाड़े सभी पदाधिकारी सभापति महंत उमाशंकर भारती, महंत हरि गिरि, महंत विद्यानंद सरस्वती, महंत प्रेम पुरी, महंत प्रेम गिरि आदि उपस्थित थे।
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