. और पवित्र स्नान में मैली चादर
इस बार कार्तिक पूर्णिका 10 नवंबर [गुरुवार] को है। कार्तिक पूर्णिमा पर्व व स्नान पर शहर के विष्णुपद मंदिर में भगवान विष्णु के चरण की पूजा एवं फल्गु नदी में पवित्र स्नान के लिए लाखों श्रद्धालुओं का जमघट लगता है।
गया। इस बार कार्तिक पूर्णिका 10 नवंबर [गुरुवार] को है। कार्तिक पूर्णिमा पर्व व स्नान पर शहर के विष्णुपद मंदिर में भगवान विष्णु के चरण की पूजा एवं फल्गु नदी में पवित्र स्नान के लिए लाखों श्रद्धालुओं का जमघट लगता है। पूरे विष्णुपद इलाके में मेला सा दृश्य रहता है। गांव-गांव से कार्तिक पूर्णिमा पर पूर्व संध्या तक लोग गयाजी में डेरा डाल देते हैं। आस्था की डुबकी लगाने के लिए तड़के सुबह फल्गु नदी में स्थान कर पुण्य कमाते हैं। विष्णुपद मंदिर में विष्णु चरण की पूजा-अर्चना करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा की तिथि दहलीज पर है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। विष्णुपद मंदिर में प्रवेश द्वार से लेकर फल्गु नदी के किनारे तक जगह-जगह जूठी पत्तलों का ढेर लगा हुआ है। उनसे उठती बदबू नाक पर रुमाल रखने को मजबूर कर दे रही है। उनके बीच से होकर फल्गु नदी में पानी की धारा तक गंदगी का जमावड़ा है। देवघाट पर लग रहा है कि छठ पर्व के बाद साफ-सफाई वाले कर्मी छुट्टी पर हैं। तीर्थयात्रियों द्वारा पिंडदान करने के बाद छोड़े गये पूजन सामग्री एवं पत्तल पड़े सड़ रहे हैं।
विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के सदस्यों ने बताया कि हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए विष्णु चरण को लोहे की जाली से घेर दिया जाता है। कहते हैं कि पूजा-अर्चना के दौरान सभी श्रद्धालु विष्णु चरण पर अपना मत्था ठेकना चाहते हैं। पूरे मंदिर परिसर से लेकर गृभगृह तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटने की संभावना इस बार भी कार्तिक पूर्णिमा पर है। इसके लिए लोहे की जाली को साफ-सफाई करा ली गई है। विष्णुपद मंदिर में सुबह की महापूजा होने के बाद विष्णु चरण के चारों ओर लोहे की जाली लगा दी जाएगी। वहीं गयापाल समाज के महेश लाल गुप्त ने बताया कि हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार कार्तिक माह को बहुत पवित्र और पूजा-अर्चना के लिए श्रेष्ठ माना गया है। पुण्य प्राप्त करने के लिए कई उपायों में कार्तिक स्नान भी एक है। धार्मिक महत्व को मानते हुए जिले के लाखों श्रद्धालु शहर के विष्णुपद मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए जुटते हैं। वहीं कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान, दीप, दान, हवन करने से सांसारिक पाप और ताप का शमन होता है।
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