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कबीर के दर पर भक्तों की भीड़

श्रम साधक संत कबीर की प्राकट्य स्थली लहरतारा में शुक्रवार को भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।

By Edited By: Published: Sat, 02 Jun 2012 11:19 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jun 2012 11:19 AM (IST)

वाराणसी। श्रम साधक संत कबीर की प्राकट्य स्थली लहरतारा में शुक्रवार को भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। आराध्य संत के दर पर शीश नवाते तो सबद, साखी व रमैनी गाते न अघाते। भजनों से अपनी भावनाओं का इजहार किया। दुनियावी दुख-दर्द को संतस्थली में झाड़ दिया तो प्रवचन श्रवण कर अपनी अध्यात्म क्षमता को भी निखार दिया।

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मौका था सद्गुरु कबीर प्राकट्यधाम में संत कबीर के 614वें प्राकट्य महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिनी समारोह का। शिशु कबीर ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा को लहरतारा तालाब पर नीरू-नीमा को मिले थे जो इस बार 4 जून को पड़ रहा है। पंथश्री हजूर अर्धनाम साहेब ने सत्यनाम ध्वजा का पूजन कर महोत्सव का शुभारंभ किया। उन्होंने कबीर साहेब की प्रतिमा पर माल्र्यापण किया और आरती उतारी। कहा कि कबीर साहेब ने श्रम को साधना से जोड़ा। रूढि़वादिता और अंधविश्वासों की पराकाष्ठा के दौर में प्रकटे और अध्यात्म की कीर्ति पताका फहरायी। उनके भक्ति रस का श्रवण करने के लिए उनकी राह पर चलना होगा। धर्माधिकारी सुधाकर शास्त्री ने कहा कि पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ. साखी के माध्यम से संत कबीर ने मानव समाज को व्यावहारिकता का संदेश दिया। राजस्थान से आए महंत जीवन साहेब ने कहा कि कबीर साहेब सतलोक से मृत्युलोक में आए और मानव को मानवता की राह दिखाए। इससे पहले श्याम साहेब ने मंगलाचरण किया। अनूप साहेब, ज्ञानप्रकाश ने सत्य नाम-सत्य नाम- सत्य नाम कहिये, जाही विधि राखे साहेब ताही विधि रहिए., हरि मोर पीऊ मैं राम की बहुरिया. समेत भजन पेश किए। सायंकाल पंथश्री हजूर अर्धनाम साहेब की अध्यक्षता में संध्यापाठ किया गया। इसमें संत कबीर की आदर्श गाथा से प्राकट्यधाम का पूरा अहाता गूंज उठा। इसमें विभिन्न प्रांतों से आए संत-महंत ने प्रवचन दिए। अनुयायियों ने भजन, साखी, सबद और रमैनी झूम-झूम कर गाया।

पहले दिन 2000 पंजीकरण संत कबीर के प्राकट्य महोत्सव में भाग लेने के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा राजस्थान, गुजरात, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा से अनुयायी आए। कबीर बाग में शाम तक 2000 आगंतुकों के पंजीकरण किए गए थे। लोगों का आना देर रात तक जारी था। यहां ही सभी के रहने-खाने की व्यवस्था की गयी है। भंडारे में 50 हजार लोगों के खाने का इंतजाम तो इसकी व्यवस्था के लिए 150 सेवादार लगाए गए हैं।

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