कृष्ण जन्म की लीला ने मोह लिया
कस्बा फतेहाबाद के मोहल्ला हनुमान नगर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा यज्ञ में डॉ. श्याम दत्त आचार्य ने कृष्ण जन्म की लीला का मनोहारी ढंग से वर्णन किया गया।
फतेहाबाद। कस्बा फतेहाबाद के मोहल्ला हनुमान नगर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा यज्ञ में डॉ. श्याम दत्त आचार्य ने कृष्ण जन्म की लीला का मनोहारी ढंग से वर्णन किया गया।
व्यास डॉ. श्यामदत्त आचार्य ने कहा कि कंस ने बसुदेव और देवकी का विवाह हर्षोल्लास किया। विदा करते समय आकाशवाणी ने कंस को बताया कि देवकी का आठवां पुत्र तेरा काल बनेगा। इस बात को सुनकर वसुदेव व देवकी को कारावास में डाल दिया गया। जब देवकी का पहला पुत्र का जन्म हुआ और वसुदेव की अपने पुत्र को लेकर कंस के पास पहुंचे तो कंस ने कहा कि मेरा तो आठवां पुत्र बैरी है, इसलिए तुम इसे वापस ले जाओ, लेकिन उसी समय नारद जी ने कंस को गणित का बोध कराते हुए बताया जहां से गिनती प्रारंभ करोगे वहां से आठवां ही होगी। जब कंस ने तुरंत उस बच्चे को पकड़ कर हत्या कर दी। इस प्रकार कंस ने देवकी के सात पुत्रों की हत्या कर दी। जब देवकी के आठवां पुत्र गर्भ में आया तो कंस ने जेल में कड़ा पहरा कर दिया। जब देवकी के आठवां पुत्र ने जन्म लिया तो पहरेदार सो गये और वसुदेव एवं देवकी की बेडि़यां और हथकड़ी खुल गयीं। वसुदेव जी बालक को गोकुल लेकर नंद बाबा के भवन में यशोदा के जन्मी बालिका को लेकर वहां अपने बालक कृष्ण को छोड़कर चले आये। वहां नंद बाबा के घर जन्मे बालक की खुशी में आनंदोत्सव होने लगा। मिठाइयां का वितरण किया गया। ग्रामीण गाने लगे नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की, हाथी लेंगे घोड़ा लेंगे और लेंगे पालकी। परीक्षित बने पुरुषोत्तम शर्मा ने आरती उतारी।
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