कलश यात्रा के साथ ही यज्ञ प्रारंभ
विश्व शांति, मनुष्यों में देवत्व का उदय तथा वातावरण में विचार की पवित्रता हेतु सदर प्रखंड क्षेत्र के महुअरी गांव में नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं प्रज्ञा पुराण कथा को लेकर कलश यात्रा सोमवार को निकाला गया। करीब 250 महिला एवं पुरुष कलश यात्रा में भाग लिये।
अरवल। विश्व शांति, मनुष्यों में देवत्व का उदय तथा वातावरण में विचार की पवित्रता हेतु सदर प्रखंड क्षेत्र के महुअरी गांव में नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं प्रज्ञा पुराण कथा को लेकर कलश यात्रा सोमवार को निकाला गया। करीब 250 महिला एवं पुरुष कलश यात्रा में भाग लिये। कलश यात्रा महुअरी से सोन नदी के जनकपुर घाट पहुंचा, जहां आचार्य रमेश कुमार विद्यार्थी ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ जल को कलश में भरवाया। इस दौरान ऊं, भूर्भुव: स्व: तत्सववितुरेर्ण्य, भर्गो देवस्य धीमहि धियो योन: प्रचोदयात तथा गायत्री माता के जयकारा से पूरा वातावरण गुंजयमान हो रहा था। आचार्य रमेश कुमार विद्यार्थी ने कहा कि गायत्री माता की उपासना से सभी प्रकार के दु:खों को दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अखिल विश्र्र्व गायत्री परिवार के संस्थापक युग ऋषि पं. श्री राम शर्मा आचार्य जी का कहना है कि मनुष्य में देवत्व का उदय, वातावरण के परिष्कार एवं ईश्र्र्वरीय रक्षा कवच तथा सद्बुद्धि की देवी मां गायत्री की उपासना से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। 4 मार्च से 7 मार्च तक नौ कुंडीय महायज्ञ एवं प्रज्ञा पुराण कथा का आयोजन गायत्री परिवार द्वारा किया जा रहा है। यज्ञ से पूरा वातावरण भक्तिमय बना हुआ है।
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