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हरिद्वार के बाहर अस्थि प्रवाह पर भड़के पुरोहित

हरिद्वार के बाहर अस्थि प्रवाह पर तीर्थ पुरोहितों की त्यौरियां चढ़ी हुई हैं। अखिल भारतीय युवा तीर्थ पुरोहित महासभा ने इसे धार्मिक मान्यता के खिलाफ करार दिया है। परमार्थ निकेतन आश्रम ऋषिकेश पुरोहितों के निशाने पर है। वहीं, परमार्थ आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि जी महाराज का कहना है कि आश्रम का किसी के प्रति कोई अनादर नहीं है।

By Edited By: Published: Sun, 19 Feb 2012 11:16 PM (IST)Updated: Sun, 19 Feb 2012 11:16 PM (IST)
हरिद्वार के बाहर अस्थि प्रवाह पर भड़के पुरोहित

हरिद्वार, जागरण संवाददाता। हरिद्वार के बाहर अस्थि प्रवाह पर तीर्थ पुरोहितों की त्यौरियां चढ़ी हुई हैं। अखिल भारतीय युवा तीर्थ पुरोहित महासभा ने इसे धार्मिक मान्यता के खिलाफ करार दिया है। परमार्थ निकेतन आश्रम ऋषिकेश पुरोहितों के निशाने पर है। वहीं, परमार्थ आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि जी महाराज का कहना है कि आश्रम का किसी के प्रति कोई अनादर नहीं है। प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर की माता चंद्रकांता की अस्थियां परमार्थ निकेतन घाट ऋषिकेश में विसर्जित की गई। हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित इस पर भड़के हुए हैं। अखिल भारतीय युवा तीर्थ पुरोहित महासभा ने परमार्थ निकेतन के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसके बाद हुई बैठक में महासभा के अध्यक्ष उज्जवल पंडित ने कहा कि परमार्थ निकेतन तीर्थ पुरोहितों की आजीविका पर कुठाराघात कर रहा है। धार्मिक मान्यताओं को अनदेखा कर अनाधिकृत रूप से अस्थि प्रवाह ब्रह्मकुंड हरकी पैड़ी की जगह दूसरी जगह कराया जा रहा है। महासचिव सुमित श्रीकुंज व कन्हैया खेवडि़या ने कहा कि अस्थि प्रवाह कराने का अधिकार केवल तीर्थ पुरोहितों को है। हिंदू धर्म में कुल पुरोहित की परंपरा है। उन्होंने कहा कि कुछ धार्मिक संस्थाएं तीर्थ पुरोहितों की आजीविका छीनने का प्रयास कर रही हैं। सह सचिव नितिन खेड़ेवाल व प्रवीन ने कहा कि इस तरह की बातों को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस दौरान विपुल मिश्रा, शांतनु, चंद्रमन, दिपांकर चक्रपाणी, सिद्धार्थ चक्रपाणी, मनीष झा, पंकज अधिकारी, चिन्मय पंडित, भोला शर्मा, अंकित शर्मा, प्रणव सिखौला, मनीष पंच्चभैया आदि मौजूद थे। वहीं, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि महाराज ने कहा कि कैलाश खेर बचपन से ही परमार्थ निकेतन से जुड़े रहे हैं। उनकी भावना थी कि वह यहां आएं, किसी को इस बात की जानकारी भी नहीं दी गई थी। परमार्थ से उनका लगाव रहा है। तीर्थ पुरोहित, हरकी पैड़ी का किसी प्रकार का अनादर वो नहीं करते हैं। सबके प्रति उनका सम्मान है। किसी की आजीविका छीनने जैसी बात नहीं है।

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