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श्याम नाम से गूंजे नलोई धाम

बाबा श्याम खाटू नरेश में श्रद्धा रखने वाले भक्तों की भी कोई कमी नहीं है। प्रदेश में अनेक जगह बने बाबा श्याम के मंदिर बाबा श्याम में यहां के लोगों की आस्था के प्रमाण हैं। छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध भिवानी जिले के सिवानी उपमंडल के गांव नलोई में नलोई धाम से प्रसिद्ध श्रीश्याम मंदिर में भी हर वक्त श्याम नाम की गूंज सुनाई देती है।

By Edited By: Published: Mon, 25 Mar 2013 03:10 PM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2013 03:10 PM (IST)
श्याम नाम से गूंजे नलोई धाम

बाबा श्याम खाटू नरेश में श्रद्धा रखने वाले भक्तों की भी कोई कमी नहीं है। प्रदेश में अनेक जगह बने बाबा श्याम के मंदिर बाबा श्याम में यहां के लोगों की आस्था के प्रमाण हैं। छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध भिवानी जिले के सिवानी उपमंडल के गांव नलोई में नलोई धाम से प्रसिद्ध श्रीश्याम मंदिर में भी हर वक्त श्याम नाम की गूंज सुनाई देती है। नलोई गांव में स्थित इस मंदिर को श्याम भक्त दयानंद पूनिया ने कुछ वर्ष पहले लगातार 108 व्रत करने के बाद श्याम भक्तों की सहायता से श्रीश्याम बाबा की भव्य प्रतिमा को स्थापित करवाकर बनवाया था।

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लगभग तीन एकड़ में बने इस मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए फेरी भी बनाई गई है। प्रतिदिन श्याम को होने वाली आरती में आसपास के क्षेत्र से अनेक श्रद्धालु पहुंचकर बाबा श्याम के नाम का गुणगान करते हैं और उनकी महिमा को स्मरण कर फेरी भी लगाते हैं। यहां पर बाबा श्याम के प्रसिद्ध मंदिर खाटूश्याम से अखंड ज्योत लाकर प्रज्वलित की गई है।

यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं का मानना है कि भगवान कृष्ण को शक्ति परीक्षा देने वाले बर्बरीक को ही कृष्ण के श्याम नाम से पूजा जाता है। इस श्रीश्याम मंदिर में कृष्ण की भव्य प्रतिमाओं को भी स्थापित किया गया है। यहां पर स्थापित हनुमान, शिव और गणेश सहित अनेक देवी-देवताओं की भव्य प्रतिमाएं श्रद्धालुओं के मन को मोह लेती हैं। नलोई धाम नाम से प्रसिद्ध श्रीश्याम मंदिर में लगभग 25 फुट गहरा व 30 फुट चौड़ा श्रीश्याम कुंड बहुत ही आकर्षक है। इस कुंड के दो प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। मंदिर में विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालु इस कुंड में स्नान करते हैं और स्नान करने के बाद श्याम बाबा की विधिवत् रूप से पूजा-अर्चना कर मन्नतें मांगते हैं।

श्रीश्याम मंदिर में हर वर्ष फाल्गुन मास की एकादशी को रात्रि जागरण व कीर्तन किया जाता है। अगले दिन द्वादशी को लगने वाले विशाल मेले में देश के कोने-कोने से असंख्य श्रद्धालु हाथों में निशान (झंडा) लेकर पैदल ही टोलियों के रूप में आते हैं। मेले को भव्य रूप देने के लिए श्रीश्याम भक्तों द्वारा श्याम बाबा की झांकी भी निकाली जाती है।

रात के समय मंदिर को इस तरह से सजाया जाता है कि पूरा परिसर जगमग हो उठता है। श्रीश्याम बाबा की प्रतिमा का श्रृंगार कोलकाता से विशेष रूप से मंगवाए गए फूलों से किया जाता है। रातभर होने वाला संकीर्तन हर श्रद्धालु का मन मोह लेता है। वैसे हर माह की शुक्ल पक्ष की द्वादशी को भी यहां मेला लगता है। विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं का मानना है कि श्रीश्याम मंदिर नलोई धाम में सच्ची श्रद्धा और आस्था से आने वाले हर श्रद्धालु की मनोकामना को श्याम बाबा अवश्य पूर्ण करते हैं। संतान प्राप्ति की कामना लेकर भी यहां पर अनेक श्रद्धालु आते हैं। इस श्रीश्याम मंदिर में आने वाले हर श्रद्धालु की झोली बाबा श्याम खुशियों से भर देते हैं।

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