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मंशा देवी में रोज लगती है अरदास

नगर से एक किलोमीटर दूर गंगा किनारे स्थित मंशा देवी के मंदिर में प्रतिदिन अरदास लगती है। मां से मुरादें मांगने वालों का यहां तांता लगता है। वर्ष 1933 में परम् संत लोकमन हरिहर बाबा ने मंदिर की स्थापना कराई थी।

By Edited By: Published: Mon, 22 Oct 2012 04:48 PM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2012 04:48 PM (IST)
मंशा देवी में रोज लगती है अरदास

अनूपशहर [बुलंदशहर] नगर से एक किलोमीटर दूर गंगा किनारे स्थित मंशा देवी के मंदिर में प्रतिदिन अरदास लगती है। मां से मुरादें मांगने वालों का यहां तांता लगता है। वर्ष 1933 में परम् संत लोकमन हरिहर बाबा ने मंदिर की स्थापना कराई थी।

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किंवदंती है कि परम् पूज्य लोकमन हरिहर बाबा से सपने में नगर कोट वाली मंशा देवी ने कहा कि अनूपशहर के भक्तों को नगर कोट आने में दिक्कत होती है। इसलिए अनूपशहर में ही मंदिर की स्थापना करें। बाबा ने सपने में ही नगर के कलां बाजार में मंदिर बनाने की बात कही तो मनसा देवी ने आदेश किया कि नगर का सेठ केशव राम मेरे नाम से जमीन दे देगा। इस बात को नगर के सेठ केशव राम को बताया गया तो उन्होंने मंदिर बनाने के लिए गंगा किनारे की लगभग तीस बीघा जमीन मंदिर बनाने के लिए बाबा को दे दी। बाबा ने नगर कोट से से जोत व ईंट लाकर मंदिर की स्थापना करा दी। तब से लेकर अब तक मंदिर अगाध श्रृद्धा क ा केन्द्र बना हुआ है। नवरात्र के दौरान प्रतिदिन हजारों भक्त मंदिर में मां मनसा देवी के दर्शन करे स्वयं को सौभाग्य शाली मानते है। मंदिर के पुजारी पं.गोपी चंद शर्मा व मंदिर की सेवा के बनाई गई कमेटी द्वारा मंदिर के विकास के लिए प्रयत्‍‌न कर विकास कराया जा रहा है।

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