प्रतिभा की धनी हैं मां मंगला
मां मंगला स्वयं सहायक गोष्ठी की महिलाएं अपने आप में एक मिसाल बन चुकी हैं।
बालेश्वर। मां मंगला स्वयं सहायक गोष्ठी की महिलाएं अपने आप में एक मिसाल बन चुकी हैं। इस समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा की मनमोहक पोशाक व मुकुट आज पूरे राज्य में पसंद किया किया जा रहा है। आज ये महिला कलाकार अपने आप को संपूर्ण तौर पर भगवान को समर्पित कर चुकी हैं। जिले के बाहानगा ब्लाक के अन्तर्गत सुठंगा नामक गांव में मौजूद है मां मंगला स्वयं सहायक संस्था। इसे सन् 2005 में स्थापित किया गया था, आज करीब 60 महिलाएं इससे जुड़ चुकी हैं। यह महिलाओं की संस्था भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलराम व बहन देवी सुभद्रा के लिए मनमोहक पोशाक, मुकुट बनाती हैं। इसके साथ ही विवाहित जोड़ों वर, कन्या के लिए भी मन पसंद मुकुट बनाने में माहिर हैं। इनके सामानों की मांग बाजारों में इतनी है कि वे पूरे वर्ष भर काम करने के बावजूद वे इन्हें पूरा नहींकर पाती हैं। चाहे किसी भी आकार की मूर्तियां क्यों न हो। ये महिलाएं उन्हें देखकर ही चंद मिनटों में बना डालती हैं कपड़े व मुकुट।
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