छह वर्ष बाद देवता मेला में भाग लेंगे ममलेश्वर महादेव
साक्षात भोलेनाथ माने जाने वाले ममलेश्वर महादेव (ममेल) छह वर्ष बाद पारंपरिक देवता मेला सुंदरनगर में शिरकत करेंगे। ममलेश्वर महादेव प्राचीन देवता सेवा समिति भोजपुर के आग्रह पर इस बार देवता मेला में पधार रहे हैं। मेला कमेटी हालांकि हर बार ममलेश्वर महादेव को मेले में पधारने का निमंत्रण देती आई है।
सुंदरनगर। साक्षात भोलेनाथ माने जाने वाले ममलेश्वर महादेव (ममेल) छह वर्ष बाद पारंपरिक देवता मेला सुंदरनगर में शिरकत करेंगे। ममलेश्वर महादेव प्राचीन देवता सेवा समिति भोजपुर के आग्रह पर इस बार देवता मेला में पधार रहे हैं। मेला कमेटी हालांकि हर बार ममलेश्वर महादेव को मेले में पधारने का निमंत्रण देती आई है। लेकिन छह वर्ष से ममलेश्वर महादेव ने मेले से किनारा कर रखा था। ममलेश्वर महादेव का मंदिर करसोग उपमंडल के ममेल में स्थित थे। ममलेश्वर महादेव के मंदिर का निर्माण पांडवों ने अपने निर्वासन के दौरान किया था।
ममलेश्वर यहां अपने दो कनिष्ठ साथी देवताओं नाग कजौंगी (बजीर) तथा देव लैहड़ी (देव शंकर) के साथ विराजमान हैं। ऐसी धारणा है कि इनमें एक देव परशुराम व दूसरे भृगु ऋषि हैं। सुबह-शाम यहां तीनों देवों को एक साथ भोग लगता है। पारंपरिक देवता मेला में भाग लेने के लिए ममलेश्वर महादेव अपने दो साथी देवों के रथों तथा करीब 100 कारकूनों के साथ ममेल से प्रस्थान करेंगे। प्राचीन देवता सेवा समिति भोजपुर के पदाधिकारी देवेंद्र कौशल, रविशंकर शर्मा व मनीभूषण खुल्लर ने बताया कि समिति का एक प्रतिनिधिमंडल ममलेश्वर महादेव को निमंत्रण देने के लिए ममेल (करसोग) गया था। ममलेश्वर महादेव ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। ममलेश्वर अपने पूरे लाव-लश्कर के साथ मेले में शिरकत करेंगे। ममलेश्वर महादेव के ठहरने तथा कारकूनों के खाने-पीने की व्यवस्था भोजपुर के सुपर बाजार में की गई है।
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