गंगा आंदोलन में नहीं जाएंगे कांची शंकराचार्य
गंगा को लेकर 18 जून को दिल्ली में सभा कर रहे शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के आंदोलन में कांची कोमकोटी के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती मौजूद नहीं रहेंगे।
हरिद्वार। गंगा को लेकर 18 जून को दिल्ली में सभा कर रहे शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के आंदोलन में कांची कोमकोटी के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती मौजूद नहीं रहेंगे। व्यस्तता का हवाला देते हुए उन्होंने कार्यक्रम में जाने में असमर्थता जताई है।
रविवार को हरिद्वार पहुंचे कांची कामकोटि के शंकराचार्य ने शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती से मुलाकात की थी। दोनों के बीच गंगा को लेकर लंबी वार्ता हुई। वार्ता के बाद शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने जयेंद्र सरस्वती के दिल्ली में 18 जून को होने वाले कार्यक्त्रम में शिरकत करने की बात कही थी। कांची कामकोटि के शंकराचार्य अभी हरिद्वार में ही हैं। यहां पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने 18 जून के दिल्ली के कार्यक्रम में जाने से असमर्थता जताई। उन्होंने कहा कि 18 जून को उनका एक निजी कार्यक्रम हैं, व्यस्तता के चलते वह दिल्ली नहीं जा पाएंगे। उन्होंने शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के निर्मल व अविरल गंगा के मुद्दे का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि गंगा पर जल विद्युत परियोजनाएं नहीं बनाई जानी चाहिए। गंगा केवल विद्युत दोहन के लिए नहीं है। इधर, ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य के प्रतिनिधि कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।
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