फाइलों में गुम हुई योजना
केदारनाथ पैदल मार्ग को साफ-सुधरा रखने की जिला पंचायत की कवायद एक वर्ष बाद भी धरातल पर नहीं उतर पाई है। मार्ग पर गंदगी का पर्याय घोड़े खच्चरों की लीद को एकत्रित कर खाद बनाने की योजना अभी तक फाइलों में ही कैद है।
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ पैदल मार्ग को साफ-सुधरा रखने की जिला पंचायत की कवायद एक वर्ष बाद भी धरातल पर नहीं उतर पाई है। मार्ग पर गंदगी का पर्याय घोड़े खच्चरों की लीद को एकत्रित कर खाद बनाने की योजना अभी तक फाइलों में ही कैद है। ऐसे में तीर्थ यात्रियों को रोजाना मार्ग पर गंदगी से दो-चार होना पड़ रहा है।
केदार यात्रा व्यवस्थाओं का मुख्य केन्द्र गौरीकुंड से केदारनाथ तक का पैदल मार्ग है। हालांकि इस मार्ग पर प्रशासन, जिला पंचायत व स्वास्थ्य विभाग की ओर से सफाई का भरपूर ध्यान रखा जाता है, बावजूद इसके मार्ग पर अब तक सबसे बड़ी समस्या गंदगी की रही है। जगह-जगह घोड़े-खच्चरों की लीद से यात्रियों का आना जाना मुश्किल बना रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला पंचायत गत वर्ष नई योजना तैयार करने में जुटा था। योजना के तहत पंचायत पैदल मार्ग पर गौरीकुण्ड से केदारनाथ तक जगह-जगह गढ्डे तैयार करेगी और अतिरिक्त सफाई कर्मचारियों की तैनाती कर लीद को इन गढ्डों में एकत्रित किया जाना था। इसके बाद इस लीद की खाद तैयार कर काश्तकारों को उचित दाम पर बेचना था।
फाइलों में योजना का खाका तो जरूर तैयार किया गया है, लेकिन इसे धरातल उतारने के लिए कोई प्रयास होते नहीं दिख रहे हैं।
यह है समस्या-
-पैदल यात्रा मार्ग पर प्रतिदिन लगभग आठ हजार घोड़े-खच्चर करते हैं आवाजाही
-आम भक्त व घोड़ों का है एक ही मार्ग
-जगह-जगह पर घोड़ों की लीद से फैलती है गंदगी
यह है योजना-
जिला पंचायत की ओर से गौरीकुण्ड से केदारनाथ तक पैदल मार्ग पर लगभग पचास से अधिक गढ्डे बनाए जाएंगे। जिन पर प्रतिदिन सफाई कर्मचारियों द्वारा घोड़े-खच्चरों की लीद एकत्रित की जाएगी। इस लीद में खाद बनाने के लिए केंचुए एवं अन्य सामग्री डाली जाएगी। खाद तैयार होने पर इसे उचित दाम पर काश्तकारों को बेचा जाएगा।
बोले अधिकारी-
केदारनाथ पैदल मार्ग को साफ सुधरा रखने के लिए घोड़े-खच्चरों की लीद एकत्रित कर खाद बनाने की योजना का प्रस्ताव गत वर्ष शासन को भेजा गया था, लेकिन अभी स्वीकृति नहीं मिल पाई है।
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