मोहनानंद ने दिया मठ-मंदिर सलाहकार समिति से इस्तीफा
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गठित मठ-मंदिर सलाहकार समिति के अध्यक्ष पद से दंडी स्वामी मोहनानंद सरस्वती ने बृहस्पतिवार को इस्तीफा दे दिया।
भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गठित मठ-मंदिर सलाहकार समिति के अध्यक्ष पद से दंडी स्वामी मोहनानंद सरस्वती ने बृहस्पतिवार को इस्तीफा दे दिया।
इस्तीफा देने के बाद मोहनानंद ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जिन उद्देश्यों को लेकर सरकार ने इस समिति का गठन किया था वे पूरे नहीं हुए, इसलिए वह अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संत-पुजारियों के साथ छलावा कर रही है। मठ-मंदिरों को बेवजह तोड़ा जा रहा है। साथ ही कई मंदिरों पर कब्जे किए जा रहे हैं। इन सभी कारणों से उन्हें आज सलाहकार समिति अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने को बाध्य होना पड़ा है।
मोहनानंद ने कहा कि वह 20 नवंबर तक प्रदेश भर के साधु.संतों एवं पंडित-पुजारियों की एक बैठक आयोजित करेंगे, जिसमें सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ एक रणनीति तैयार की जाएगी तथा इसके साथ ही पूरे प्रदेश में जनयात्राएं निकाली जाएगी। इसके जरिए सरकार की गलत नीतियों का विरोध होगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि समाज को राज्य सरकार से किसी भी तरह की शुभ आशा नहीं करना चाहिए। हजारों एकड़ जमीन और मठ-मंदिरों की अपार संपदा अवांछित लोगों ने अपने कब्जे में कर रखी है। भगवान और आश्रमों की संपत्तियां हड़पी जा रही है।
मोहनानंद ने कहा कि राज्य सरकार ने इन्हें मुक्त कराने के आदेश तो प्रसारित किए लेकिन उस पर अमल नहीं हुआ। शुरूआत में सरकार ने गौवंश रक्षा की भी बात की, जो एक नौटंकी साबित हुई।
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