कंगारू क्लीन स्वीप से चार विकेट दूर
भारत के दिग्गज बल्लेबाजों का बल्ला आस्ट्रेलिया में जारी टेस्ट सीरीज की अंतिम पारी में भी रूठा रहा जिसका फायदा उठाते हुए मेजबान टीम चौथे टेस्ट मैच में जीत के बेहद नजदीक पहुंच गया है। आस्ट्रेलिया चार मैचों की सीरीज में क्लीन स्वीप से महज चार विकेट दूर हैं जबकि भारत विदेशी धरती पर लगातार आठवीं हार टालने को संघर्ष कर रहा है।
एडिलेड। भारत के दिग्गज बल्लेबाजों का बल्ला आस्ट्रेलिया में जारी टेस्ट सीरीज की अंतिम पारी में भी रूठा रहा जिसका फायदा उठाते हुए मेजबान टीम चौथे टेस्ट मैच में जीत के बेहद नजदीक पहुंच गया है। आस्ट्रेलिया चार मैचों की सीरीज में क्लीन स्वीप से महज चार विकेट दूर हैं जबकि भारत विदेशी धरती पर लगातार आठवीं हार टालने को संघर्ष कर रहा है।
आस्ट्रेलिया ने पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग के नाबाद 60 रन की मदद से दूसरी पारी पांच विकेट पर 167 रन बनाकर घोषित की और भारत को 500 रन का लक्ष्य दिया। आस्ट्रेलिया ने पहली पारी सात विकेट पर 604 रन बनाकर घोषित करने के बाद भारत को 272 रन पर समेटकर 332 रन की विशाल बढ़त हासिल की थी। जवाब में भारत ने छह विकेट पर 166 रन बना लिए हैं। भारत अभी भी लक्ष्य से 334 रन पीछे है। कप्तान वीरेंद्र सहवाग ने सर्वाधिक 62 रन बनाए। क्रीज पर रिदिमान साहा बिना खाता खोले ईशांत शर्मा [2] के साथ खेल रहे थे। लोकल फिरकी गेंदबाज नाथन ल्योन ने 57 रन देकर तीन विकेट चटकाए।
भारत को अगर इस मैच जीत दर्ज करनी है तो यह तय है कि उसे रिकार्ड लक्ष्य का पीछा करना पड़ेगा। इस मैदान पर लक्ष्य का पीछा करते हुए सबसे बड़ी जीत आस्ट्रेलिया के नाम दर्ज है जिसने इंग्लैंड के खिलाफ सौ साल से भी पहले 1901-02 में छह विकेट पर 315 रन बनाकर जीत दर्ज की थी। टेस्ट इतिहास में लक्ष्य का पीछा करते हुए सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड वेस्टइंडीज के नाम है जिसने मई 2003 में सेंट जोंस में आस्ट्रेलिया के 418 रन के लक्ष्य को हासिल किया था। कप्तान माइकल क्लार्क के बाद सीरीज में पांच सौ से ज्यादा बनाने वाले पोंटिंग दूसरे बल्लेबाज बने।
विशाल लक्ष्य के जवाब में दूसरी पारी में भी भारत की शुरुआत खराब रही। गौतम गंभीर सिर्फ तीन रन बनाने के बाद रेयान हैरिस के गेंद पर विकेटकीपर ब्रैड हैडिन को कैच थमाकर पवेलियन लौट गए जबकि टीम का स्कोर केवल 14 रन था। मौजूदा सीरीज में सहवाग और गंभीर की सलामी जोड़ी ने काफी निराश किया और इस दौरान इनकी सर्वश्रेष्ठ साझेदारी 26 रन रही जो इसी टेस्ट की पहली पारी में बनी। सहवाग और द्रविड़ ने इसके बाद पारी को संभाला। सहवाग ने आक्रामक रवैया अपनाया। उन्होंने बेन हिलफेंहास की गेंद पर चार रन के साथ खाता खोलने के बाद इस तेज गेंदबाज पर तीन और चौके मारे। उन्होंने पीटर सिडल के ओवर में भी तीन चौके जड़े। सहवाग ने ल्योन की गेंद पर लगातार दो चौकों के साथ सिर्फ 36 गेंद में सीरीज का अपना दूसरा अर्धशतक पूरा किया। सहवाग हालांकि ल्योन का ही शिकार बने जब आफ स्पिनर की फुलटास को लेग साइड में खेलने की कोशिश में बल्ला जल्दी मोड़ गए और गेंद हवा में लहरा गई जिसे शार्ट कवर में पोंटिंग ने आसानी से लपक लिया। उन्होंने 53 गेंद का सामना करते हुए 12 चौके मारे। तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ [25] ने इसके बाद चायकाल तक भारत को और झटके नहीं लगने दिया। लेकिन वापस लौटने पर द्रविड़ ने हैरिस की गेंद पर प्वाइंट पर खड़े माइक हसी को आसान कैच थमा बैठे। सौ रन पर तीन विकेट गंवाने से संकट में दिख रही टीम को सचिन से बड़ी पारी की आस थी लेकिन थोड़ी देर में वह भी चलते बने। ल्योन की गेंद पर वह एड कोवान के हाथों कैच आउट हुए। वीवीएस लक्ष्मण [35] और पिछली पारी के शतकवीर कोहली ने पांचवें विकेट के लिए 54 रनों की साझेदारी कर दिन का खेल खत्म और कोई झटका नहीं लगने देना चाहते थे। लेकिन ल्योन ने लक्ष्मण को आउट कर भारत को एक और झटका दे दिया। खेल खत्म होने से एक ओवर पूर्व कोहली रन आउट हो गए।
इससे पहले आज सुबह तीन विकेट पर 50 रन से आगे खेलने उतरे आस्ट्रेलिया ने 117 रन और जोड़कर अपनी दूसरी पारी घोषित कर दी। मेजबान टीम ने इस दौरान कप्तान माइकल क्लार्क [37] और माइक हसी [15] का विकेट गंवाया। ब्रैड हैडिन 11 रन बनाकर नाबाद रहे। क्लार्क को उमेश यादव ने विकेटकीपर रिद्धिमान साहा के हाथों कैच कराया जबकि हसी को ईशांत ने पवेलियन भेजा। सुबह तीन विकेट पर 50 रन से आगे खेलने उतरे कंगारू बल्लेबाजों ने एक-दो रन लेकर स्कोर को आगे बढ़ाया। भारत ने आज अश्विन के साथ शुरुआत नहीं की और जहीर तथा ईशांत को जिम्मेदारी सौंपी। पहले छह ओवर में सफलता नहीं मिलने के बाद सहवाग ने अश्विन को गेंद थमाई। क्लार्क ने आफ स्पिनर अश्विन पर दो चौके जड़े लेकिन यादव की शरीर के करीब की गेंद को कट करने की कोशिश में साहा को कैच दे बैठे। पोंटिंग ने लंच से आधा घंटा पहले अश्विन की गेंद पर एक रन के साथ सीरीज का अपना तीसरा अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने इसके अलावा एक दोहरा शतक और एक शतक भी जड़ा। लंच से 20 मिनट पहले ईशांत को एक बार फिर गेंद थमाई गई और उन्होंने हसी को पगबाधा आउट कर दिया।
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