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आखिर क्या हो गया भारतीय दीवार को

पनी अभेद्य रक्षात्मक तकनीक के कारण भारतीय दीवार का उपनाम पाने वाले राहुल द्रविड़ आस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्तमान टेस्ट सीरीज में एकदम से अस्थिर हो गए हैं और विशेषज्ञ भी यह नहीं बता पा रहे हैं कि आखिर उनको हुआ क्या है। द्रविड़ 2011 में टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे जिस दौरान उन्होंने इंग्लैंड जैसे कठिन दौरे में भी शतकों की लाइन लगा दी थी।

By Edited By: Published: Sun, 08 Jan 2012 06:21 PM (IST)Updated: Sun, 08 Jan 2012 06:21 PM (IST)

पर्थ। अपनी अभेद्य रक्षात्मक तकनीक के कारण भारतीय दीवार का उपनाम पाने वाले राहुल द्रविड़ आस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्तमान टेस्ट सीरीज में एकदम से अस्थिर हो गए हैं और विशेषज्ञ भी यह नहीं बता पा रहे हैं कि आखिर उनको हुआ क्या है। द्रविड़ 2011 में टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे जिस दौरान उन्होंने इंग्लैंड जैसे कठिन दौरे में भी शतकों की लाइन लगा दी थी।

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पिछले 15 साल में और 162 टेस्ट खेलकर द्रविड़ अपनी तकनीक के दम पर दुनिया में सर्वाधिक स्कोर बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज बने हैं। कैसी भी परिस्थिति हो, कैसा भी प्रतिद्वंद्वी हो और कैसी भी रणनीति हो, इस बल्लेबाज को भेदना सबसे मुश्किल रहा। लेकिन पिछली 9 टेस्ट पारियों में से 6 में वह बोल्ड हो गए। इसमें एमसीजी पर नोबाल पर बोल्ड का आंकड़ा शामिल नहीं है। वह वैसे पिछले 12 महीने में कुल 13 बार बोल्ड हुए हैं। इयान चैपल का मानना है कि द्रविड़ इस बात से ज्यादा चिंतित हैं कि वह आउट स्विंग गेंद को अच्छी तरह से कवर नहीं कर पा रहे हैं और इसलिए वह उसकी लाइन में आए बिना उसे खेल रहे हैं। पहले दो टेस्ट मैच में बेन हिल्फेनहास के सामने दो अवसरों पर द्रविड़ के बोल्ड होने से चैपल की इस बात को बल मिलता है। दोनों अवसरों पर उन्होंने गेंद की लाइन में आए बिना खेलने की कोशिश की तथा उनके बल्ले और पैड के बीच खाली जगह बन गई।

हिल्फेनहास ऐसे गेंदबाज हैं जो अमूमन आउटस्विंगर ही करता है। उनका एक्शन इसी तरह का है। सिडनी में द्रविड़ को उन्होंने आफ कटर से आउट किया जो उन्होंने गेंद की सीम से हासिल किया था। इससे द्रविड़ हैरान रह गए थे। सौरव गांगुली भी इससे हैरान हैं कि क्या द्रविड़ पर्याप्त आगे नहीं बढ़ रहे हैं और क्या उनका बल्ला हमेशा पैड के आगे नहीं रहता है। टीम के एक सीनियर खिलाड़ी का मानना है कि एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर गेंद पड़ने से द्रविड़ को आगे बढ़कर खेलने में हमेशा दिक्कत होती रही है। यही वजह है कि वह 52 बार बोल्ड हुए हैं और एलन बोर्डर के 53 बार बोल्ड होने के रिकार्ड की बराबरी करने के काफी करीब हैं। द्रविड़ आसानी से क्रीज पर समय बिताते हैं और यही वजह है कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक समय क्रीज पर बिताया है। उनका स्ट्राइक रेट भले ही 42.56 है लेकिन जब तक द्रविड़ क्रीज पर हों तब तक कोई भी मुकाबला भारत के लिए खत्म नहीं माना जाता है।

द्रविड़ अब चूक रहे हैं और यही वजह है कि उन्होंने दूसरे टेस्ट मैच से पहले क्षेत्ररक्षण कोच ट्रेवर पैनी और मुख्य कोच डंकन फ्लैचर को अपनी तकनीक पर करीबी निगाह रखने के लिए भी कहा। तब इन तमाम संभावनाओं पर विचार किया गया कि क्या द्रविड़ का स्टांस थोड़ा खुला हुआ है या उनका सिर आफ साइड में कुछ अधिक झुका रहता है या फिर वह गेंदों को जल्दी खेल रहे हैं। कोच फ्लैचर का मानना है कि द्रविड़ इस समय थोड़ा फार्म में नहीं हैं लेकिन यह बल्लेबाज ऐसा नहीं मानता। द्रविड़ ने कहा, मुझे लगता है कि मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा हूं। उम्मीद है कि आगामी दो टेस्ट मैच में मैं अपनी अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में तब्दील करने में सफल रहूंगा।

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