सात साल की उम्र में लिख डालीं दो पुस्तकें
कोलकाता। वास्तव में सात साल के पृथ्विक ने छोटी सी उम्र में बड़ा कमाल कर दिखाया। कोलकाता के इस चौथी के छात्र ने दो-दो किताबें लिख डालीं, वह भी जीवाश्मिकी जैसे बेहद जटिल विषय पर। उसकी पुस्तक व्हेन डायनासोर्स रोम्ड द अर्थ (जब डायनासोर धरती पर घूमा करते थे) ने विज्ञान जगत में हलचल मचा दी है। उसे डायनासोर के बारे में जानकारी जुटाने में काफी दिलचस्पी है।
कोलकाता। वास्तव में सात साल के पृथ्विक ने छोटी सी उम्र में बड़ा कमाल कर दिखाया। कोलकाता के इस चौथी के छात्र ने दो-दो किताबें लिख डालीं, वह भी जीवाश्मिकी जैसे बेहद जटिल विषय पर। उसकी पुस्तक व्हेन डायनासोर्स रोम्ड द अर्थ (जब डायनासोर धरती पर घूमा करते थे) ने विज्ञान जगत में हलचल मचा दी है। उसे डायनासोर के बारे में जानकारी जुटाने में काफी दिलचस्पी है।
इस असाधारण बालक ने बताया-डायनासोर लाखों वर्ष धरती पर रहे, लेकिन हम अब तक उनकी कुछ ही प्रजातियों का पता लगा पाए हैं। पृथ्विक की मां इंदिरा ने बताया, उसकी हरेक मांग पूरी करना मेरे लिए किसी कठिन चुनौती से कम नहीं है। वह जिस तरह से नामों को याद कर लेता है, उससे मुझे लगता है कि मेरा बेटा दूसरे बच्चों से अलग है।
अपने दादाजी के लिए तो वह लिटिल जीनियस है। उन्होंने बताया-पृथ्विक जब ढाई साल का था तो उसने मुझे एक बार बताया था कि हम जब कार को घुमाते हैं, तो बाहर की तरफ खींचने लगते हैं। उसे इतनी छोटी सी उम्र में अपकेंद्रीय बल के बारे में पता चल गया था, जिसके बारे में हम कॉलेज में पढ़ाई करते हैं। पृथ्विक अपनी दूसरी पुस्तक भी लिख चुका है और अब तीसरी पर काम कर रहा है। उसका सपना एक सफल जीवाश्मविद् बनने का है।
जागरण संवाददाता
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