सेंचुरी को तरस रहे हैं भारतीय बल्लेबाज
इंग्लैंड के साथ शुरू होने वाली सीरीज से पहले भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज रनों के लिए तरस रहे हैं। शीर्ष बल्लेबाजों की खराब फार्म टीम के लिए चिंता का सबब हो सकती है।
नई दिल्ली। इंग्लैंड के साथ शुरू होने वाली सीरीज से पहले भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज रनों के लिए तरस रहे हैं। शीर्ष बल्लेबाजों की खराब फार्म टीम के लिए चिंता का सबब हो सकती है। वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर की सलामी जोड़ी हाल फिलहाल कोई बड़ा स्कोर खड़ा करने में नाकाम रही है। सचिन तेंदुलकर भी लंबे समय तक पिच पर नहीं टिक पा रहे हैं। रन बनाने के मोर्चे पर सुरेश रैना और कप्तान महेंद्र सिंह धौनी भी पस्त पड़े हैं।
गौतम गंभीर ने पिछले 34 महीने से, सुरेश रैना ने 28 महीने से, वीरेंद्र सहवाग ने दो साल से, सचिन तेंदुलकर ने 22 महीने से और कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने एक साल से टेस्ट क्रिकेट में शतक नहीं लगाया है। यह आंकड़े इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इंग्लैंड के खिलाफ 15 नवंबर से शुरू होने वाली चार टेस्ट मैचों की सीरीज में इन बल्लेबाजों पर भारतीय टीम का बड़ा दारोमदार रहेगा।
पिछले साल इंग्लैंड दौरे में 0-4 की करारी हार का बदला लेने के लिए सीरीज से पहले भारतीय बल्लेबाजों के इस तरह के आंकड़े चिंता का विषय है। भारत के पास पिछले सात साल से गंभीर और सहवाग के रूप में सलामी जोड़ी है और मुख्य समस्या यही है कि टीम के पास इनका कोई विकल्प भी नहीं है। गंभीर इस बात को समझते हैं। गंभीर पिछले 22 मैच की 40 पारियों में शतक नहीं लगा पाए हैं, जबकि सहवाग बिना शतक के 16 टेस्ट और 29 पारियां खेले चुके हैं। गंभीर ने अपना आखिरी शतक जनवरी 2010 में बांग्लादेश के खिलाफ चटगांव में और सहवाग ने नवंबर 2010 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अहमदाबाद में लगाया था।
गंभीर ने आखिरी शतक जड़ने के बाद जो 40 पारियां खेली हैं उनमें उन्होंने 28.36 की औसत से 1078 रन बनाए हैं। सहवाग का अहमदाबाद टेस्ट मैच के बाद 29 पारियों में औसत 35 रन प्रति पारी है। उन्होंने इन मैचों में केवल 980 रन बनाए हैं। इन दोनों ने इस बीच नौ-नौ अर्धशतक जमाए। यह सभी जानते हैं कि तेंदुलकर को अपने सौवें शतक के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा था। आखिर में उन्होंने इस साल 16 मार्च को बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मैच में शतक लगाकर महाशतक पूरा किया था, लेकिन पिछली 24 पारियों से टेस्ट मैचों में शतक नहीं लगा पाया है।
तेंदुलकर ने आखिरी शतक दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जनवरी 2011 में केपटाउन में जमाया था। इसके बाद अगले 13 टेस्ट मैच में वह तिहरे अंक में नहीं पहुंचे। तेंदुलकर ने इन मैचों में 35.04 की औसत से 841 रन बनाए हैं। वह दो अवसरों पर नर्वस नाइंटीज का शिकार बने। इस बीच वेस्टइंडीज के खिलाफ मुंबई में खेली गई 94 रन की पारी उनका सर्वोच्च स्कोर रहा।
कप्तान धौनी के लिए भी लंबी समय के मैचों में शतक जमाना आसान नहीं रहा है। उन्होंने पिछले साल वेस्टइंडीज के खिलाफ कोलकाता में 144 रन की पारी खेली थी, लेकिन इसके बाद अगली 11 टेस्ट पारियों में उनका उच्चतम स्कोर 73 रन रहा। धौनी ने इस बीच 34 रन की प्रति पारी की दर से 306 रन बनाये।
राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण के संन्यास लेने के बाद धौनी ने मध्यक्रम में रैना पर विश्वास जताया। बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने टेस्ट क्रिकेट में अपना एकमात्र शतक अपने पहले टेस्ट मैच (जुलाई 2010) में बनाया था। इसके बाद 16 टेस्ट मैच की 28 पारियों में उन्होंने 24.92 के औसत से 648 रन बनाये हैं। उनके नाम पर इस बीच सात अर्धशतक दर्ज हैं।
रैना का स्थान हालांकि युवराज सिंह को मिल सकता है। इन दोनों को भारत ए की तरफ से इंग्लैंड के खिलाफ अभ्यास मैच में अच्छा प्रदर्शन करना होगा। वैसे मध्यक्रम में भारत का भरोसा दो युवा बल्लेबाजों पर रहेगा जो अच्छे फॉर्म में चल रहे हैं। चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली दोनों ने ही न्यूजीलैंड के खिलाफ अगस्त में हुई टेस्ट सीरीज में शतक जमाए थे। इसके बाद भी इन दोनों ने अच्छा प्रदर्शन किया है।
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