Move to Jagran APP

डांडिया के लिए पड़ती थी डांट

छोटे पर्दे के बहुचर्चित टीवी सीरयल देवों के देव महादेव में मां पार्वती के किरदार से इंप्रेस न जाने कितने फैंस इस सीरियल के दीवाने हैं। इसमें लोगों को एक तरफ जहां भगवान शिव के अनेकों रूप देखने को मिलते हैं तो वही कई बार माता पार्वती के भी कई अवतार नजर आते हैं। सीरियल म्

By Edited By: Published: Sat, 27 Sep 2014 01:59 PM (IST)Updated: Sat, 27 Sep 2014 01:59 PM (IST)
डांडिया के लिए पड़ती थी डांट

छोटे पर्दे के बहुचर्चित टीवी सीरयल देवों के देव महादेव में मां पार्वती के किरदार से इंप्रेस न जाने कितने फैंस इस सीरियल के दीवाने हैं। इसमें लोगों को एक तरफ जहां भगवान शिव के अनेकों रूप देखने को मिलते हैं तो वही कई बार माता पार्वती के भी कई अवतार नजर आते हैं। सीरियल में माता पार्वती के किरदार में भक्तों पर अपनी ममता और प्यार लुटाने वाली अभिनेत्री सुहासी धामी से एक खास मुलाकात। आइए उनसे जानते हैं कि वह नवरात्र किस तरह मनाएंगी।

loksabha election banner

क्या तैयारी की है

नवरात्र आते ही मेरा मन गदगद हो जाता है। नवरात्र पर मेरी सबसे ज्यादा तैयारी गरबे की होती है। मैं गुजराती हूं, इसलिए बचपन से ही नवरात्र और गरबा मेरे लिए खास रहे हैं। नवरात्र के अंतिम चार दिन मेरे लिए बहुत खास रहते हैं। मेरा 50-55 कॉलेज फ्रेंड्स का ग्रुप है। हर साल हम सब मीठीबाई कॉलेज के पास यशोदा रंग मंदिर में मिलते हैं। वहां हमारा ग्रुप प्रतियोगिता में हिस्सा लेता है। हम सब वहां गरबा करते हैं।

पूजा कैसे करती हैं

मैं नवरात्र के दौरान पूजा पंडाल में जाकर मां की पूजा करती हूं और प्रसाद बांटती हूं। पिछले कई सालों से मैं नवरात्र के दिनों में इसी तरह पूजा कर रही हूं।

खास होती है ड्रेस

सिर्फ मेरी ही नहीं, बल्कि हमारे पूरे ग्रुप की ड्रेस खास होती है। एक दिन हम सब चनिया-चोली पहनकर गरबा करते हैं। दूसरे दिन दूसरी ड्रेस पहनते हैं। ऐसा चार दिन तक चलता है, लेकिन हमारा एक ड्रेस कोड होता है। हमारा पूरा ग्रुप एक जैसे ही कपडे़ पहनता है तो समझ में आता है कि ये हमारा ग्रुप है। हम सबका ड्रेस कोड और ड्रेस अरेंज करने का काम हमारी एक दोस्त करती है। वह पूरे ग्रुप के लिए ड्रेस तैयार करवाती है। इस बार भी उसने कुछ स्पेशल प्लान किया होगा।

नवरात्र से जुड़ी यादें

बचपन से ही नवरात्र से खास यादें जुड़ी हैं। जब मैं छठी क्लास में थी, तब पूरे नौ दिन मैं अपनी बहन के साथ सोसायटी और पंडाल में जाकर डांडिया खेलती थी। नवरात्र के समय हमेशा मेरे एग्जाम्स होते थे, इसलिए मम्मी से पढ़ाई के लिए डांट पड़ती थी, लेकिन मैं डांडिया खेलना नहीं चूकती थी। यही नहीं हर नवरात्र पर एक न एक प्राइज जरूर जीतती थी। उसे मैं घर पर अपनी स्टडी टेबल पर लगाती थी। डांडिया खेलने का मेरा वो रूटीन कभी नहीं टूटा।

क्या होता है खास

नवरात्र के अंतिम दिन हम सब फ्रेंड्स गरबे के बाद किसी एक फ्रेंड के घर पार्टी करते हैं। यह पार्टी हमारे ग्रुप की स्पेशल पार्टी होती है। यह हम स्कूल टाइम से करते आ रहे हैं। इससे बचपन की यादें ताजा होती हैं और हम खूब सारी मिठाईयां खाते हैं। दरअसल पूरे साल सब फ्रेंड्स अपने-अपने काम में मशरूफ रहते हैं, लेकिन नवरात्र पर इस बहाने हम सब मिल लेते हैं।

(शिखा)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.